Wednesday, 25 August 2021

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काबुल पाकिस्‍तान की मदद से सत्‍ता में आए तालिबानी आतंकियों के प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला मुजाहिद ने भारत को इलाके का एक अहम मुल्‍क करार देते हुए अच्‍छे रिश्‍ते बनाने की इच्‍छा जताई है। मुजाहिद ने कहा कि भारत और पाकिस्‍तान को एक साथ बैठकर सभी विवादित मुद्दों का समाधान करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि नई दिल्‍ली को भी कश्‍मीर पर सकारात्‍मक रुख अपनाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस बयान के जरिए तालिबान ने भारत को बातचीत का संकेत दिया है। तालिबान प्रवक्‍ता ने पाकिस्‍तानी टीवी चैनल एआरवाई को दिए साक्षात्‍कार में कहा, 'हम सभी देशों के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाना चाहते हैं। इसमें भारत भी शामिल है जो इस इलाके का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। हमारी इच्‍छा है कि भारत अफगान जनता की राय के मुताबिक अपनी नीतियां बनाए। हम अपनी सरजमीं को किसी मुल्‍क के खिलाफ इस्‍तेमाल नहीं करने देंगे। भारत और पाकिस्‍तान को चाहिए वे अपने द्विपक्षीय मामले सुलझाएं।' 'कश्‍मीर के मामले में भारत अपना रवैया सकारात्‍मक करे' मुजाहिद ने कहा, 'भारत के साथ अच्‍छे रिश्‍ते चाहते हैं। कश्‍मीर के मामले में भारत को अपना रवैया सकारात्‍मक करना चाहिए।' उन्‍होंने कहा कि हमारी जमीन किसी के खिलाफ इस्‍तेमाल नहीं होगी। अफगान जमीन पर आईएसआईएस अब लगभग खत्‍म हो गया है। टीटीपी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि अफगानिस्‍तान में कोई पाकिस्‍तान की खिलाफत करने वाला है। इससे पहले तालिबान के कतर स्थित प्रवक्‍ता सुहैल शाहीन ने कहा था कि तालिबान और भारत के बीच बातचीत निष्पक्षता की शर्त पर हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि दोहा समझौते के अनुसार, तालिबान किसी भी व्यक्ति या संस्था को दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ हमला करने के लिए अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा। भारत-तालिबान बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल पर सुहैल शाहीन ने कहा कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल के पास आने या मिलने की खबरें थीं। मैंने देखा है, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता, क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं हुआ है। भारत ने तालिबान को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया इससे पहले ऐसी खबरें आईं थीं कि भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के साथ बात की है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। शाहीन ने कहा कि भारत की अपनी चिंता है। वे उन क्षेत्रों से अपने राजनयिकों को अपने कारणों से, अपनी चिंताओं के लिए ले जा रहे हैं। यह उनके ऊपर है। लेकिन जो हमसे जुड़ा था, हम पहले ही अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं और दूतावासों में सेवारत सभी राजनयिकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा चुके हैं। इस बीच भारत सरकार ने तालिबान को मान्‍यता देने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। सूत्रों के मुताबिक भारत अभी तालिबान की नीतियों को देखते हुए फैसला लेगा।


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