
मास्को रूस के निझनिय इलाके में दुनिया के 17 देशों की सेनाएं अपना दम दिखाने जा रही हैं। आगामी 3 सितंबर से 16 सितंबर चलने वाले जपड़ 2021 युद्धाभ्यास में भारत, चीन और पाकिस्तान समेत यूरोशिया और दक्षिण एशिया के 17 देशों के सैनिक अपने युद्ध कला का प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले भारतीय सेना शंघाई सहयोग संगठन की ओर से आयोजित युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान की सेना के साथ जंग लड़ने का जौहर दिखा चुकी है। मई 2020 में लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब भारत और चीन की सेनाएं एक साथ अभ्यास करेंगी। रूस की ओर से आयोजित इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास उद्देश्य आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देना है। चीन और पाकिस्तान के सैनिकों के भी पर्यवेक्षकों के रूप में अभ्यास में भाग लेने की उम्मीद है। चीनी सेना पीएलए के साथ रूस की दोस्ती हुई बहुत मजबूत भारतीय सेना के 200 जवानों की एक टुकड़ी तीन से 16 सितंबर तक होने वाले अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए रूस रवाना हो गई है। बताया जा रहा है कि यह बटालियन नागा रेजिमेंट की है। इस बीच भारतीय और कजाख सेनाओं ने बुधवार को 13 दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू किया है। भारत-कजाखस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-21’ कजाखस्तान के नोड आइशा बीबी में शुरू हुआ है। भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट के कुल 90 जवान इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। जपड़ 2021 युद्धाभ्यास काफी बड़े पैमाने पर होगा और इसमें युद्ध के सभी पहलुओं का अभ्यास किया जाएगा। रूस यह अभ्यास ऐसे समय पर कर रहा है जब उसकी चीनी सेना पीएलए के साथ दोस्ती बहुत मजबूत होती दिख रही है। जपड़ 2021 के तहत ही पिछले दिनों रूस और चीन के 10 हजार सैनिकों ने जोरदार अभ्यास किया था। इस अभ्यास को अमेरिका के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा गया था। इस दौरान कई घातक हथियारों का इस्तेमाल रूस और चीन की सेना की ओर से किया गया था। इस अभ्यास का मकसद एक मिलकर शत्रु देश के खिलाफ लड़ना था। बता दें कि रूस और चीन दोनों की अमेरिका के साथ दुश्मनी है।
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