Wednesday 29 September 2021

https://ift.tt/36CAGd7

वॉशिंगटन अमेरिकी सेना के दो शीर्ष जनरलों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। दोनों अधिकारियों ने सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को लेकर भी बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति बाइडन को चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान से जल्दबाजी में वापसी से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन ने भी पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के तालिबान के हाथ में पड़ने को लेकर चेतावनी दी थी। 'तालिबान को पाकिस्तान में शरण मामले की हो जांच' ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले ने मंगलवार को सीनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी को बताया कि हमने अनुमान लगाया था कि जल्दीबाजी में वापसी से क्षेत्रीय अस्थिरता, पाकिस्तान की सुरक्षा और उसके परमाणु शस्त्रागार के जोखिम बढ़ जाएंगे। जनरल ने साफ कहा कि तालिबान ने 20 साल तक अमेरिकी सैन्य दबाव को कैसे झेला यह अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है। हमें पाकिस्तानी पनाहगाह की भूमिका की गहराई से जांच करने की जरूरत है। तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंध खराब हो रहे जनरल मिले यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के शीर्ष जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने भी चेतावनी दी थी कि तालिबान अब तक पाकिस्तान से जैसे डील करता था वह अब बदल गए हैं। अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद दोनों देशों के संबंध लगातार जटिल होते जा रहे हैं। सेंटकॉम चीफ जनरल मैकेंजी ने यह भी साफ किया कि अमेरिका और पाकिस्तान, अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए एक एयरस्पेस के लिए बातचीत कर रहे थे। पाकिस्तान के साथ काम कर रही अमेरिकी सेना उन्होंने कहा कि हमने पिछले 20 साल में अफगानिस्तान से पश्चिमी पाकिस्तान में जाने के लिए रास्ता बनाया है। उस क्षेत्र में कुछ कम्यूनिकेशन के लिए कुछ लैंडलाइंस भी मौजूद हैं। हम अगले कुछ दिन या हफ्ते पाकिस्तानियों के साथ काम करेंगे। हम यह देखना चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ काम करने के परिणाम क्या निकलते हैं। हालांकि दोनों जनरलों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में अपनी चिंताओं और आतंकवादियों के हाथों में पड़ने की संभावना पर अधिक चर्चा करने से इनकार कर दिया। रक्षा मंत्री बोले- हम अफगान राष्ट्र के निर्माण में फेल हुए इन अधिकारियों ने कहा कि वे सीनेटरों के साथ एक क्लोज्ड सेशन में इस मुद्दे और पाकिस्तान पर चर्चा करने को तैयार हैं। इससे पहले सुनवाई में, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सीनेटरों से कहा कि अमेरिका ने एक राज्य बनाने में मदद की, लेकिन वे अफगान राष्ट्र का निर्माण करने में विफल रहे। अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद सबसे लंबे समय से जारी अफगान युद्ध के खत्म होने के बाद शीर्ष सैन्य अधिकारियों की यह पहली पेशी थी।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/2Y0aIhv
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

https://ift.tt/36CAGd7

रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी...