Sunday 28 November 2021

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कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमीक्रोन से पूरी दुनिया टेंशन में है। अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने विदेशों से खासकर अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध तक लगा दिया है। इस नए वैरियंच की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में की गई थी। जिसके बाद यह ब्रिटेन, इजरायल, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में पहुंच चुका है। दक्षिण अफ्रीका के सबसे आबादी वाली प्रांत गोतेंग में ओमीक्रोन वैरियंट ने तो तबाही मचाई हुई है। इस प्रांत के सभी अस्पताल ओमीक्रोन से संक्रमित मरीजों से भरे हुए हैं। ओमीक्रोन के बारे में सबकुछ जानिए...
  1. कोविड-19 का नया वैरियंट ओमीक्रोन कहां पैदा हुआ?ओमीक्रोन को सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने पहचाना है। इसके बावजूद अभी तक अस्पष्ट है कि यह वैरियंट किस देश में पैदा हुआ है। यह ठीक वैसे ही है, जैसा कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहराया जाता है। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को ओमीक्रोन वैरियंट को लेकर सतर्क किया है। अब ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।
  2. ओमीक्रोन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इसे चिंताजनक स्वरूप बताया और ओमीक्रोन नाम दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि यह बताने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वैरियंट, डेल्टा वन की तुलना में अधिक खतरनाक है। डब्लूएचओ ने ओमीक्रोन पर वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर भी ऐसी की शंका जताई है। डब्लूएचओ ने यह भी कहा है कि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ओमीक्रोन स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को खतरा ज्यादा है कि नहीं।
  3. ओमीक्रोन वैरियंट के खिलाफ कोविड वैक्सीन कितना प्रभावी?डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ओमीक्रोन वैरियंट के खिलाफ कोविड वैक्सीन कितनी प्रभावी है। प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ रही है। ऐसे में ओमीक्रोन वैरियंट लोगों की कुल संख्या में वृद्धि के कारण हो सकता है। डब्ल्यूएचओ तकनीकी विशेषज्ञों के एक समूह के साथ भी काम कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या नया स्ट्रेन मौजूदा टीकों और अन्य स्वच्छता उपायों की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है।
  4. कोरोना के नये वैरियंट को लेकर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक?डेटा का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों के एक समूह को बुलाने के बाद, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अन्य प्रकारों की तुलना में प्रारंभिक साक्ष्य इस स्वरूप से फिर से संक्रमण के बढ़ते जोखिम का सुझाव देते हैं। इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। समझा जाता है कि इस नये स्वरूप में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज्यादा, करीब 30 बार परिवर्तन हुए हैं जिससे इसके आसानी से लोगों में फैलने की आशंका है।
  5. ओमीक्रोन वैरियंट को लेकर विशेषज्ञों ने क्या कहा?ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 की जीनोम सीक्वेंसिंग की अगुवाई करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नये स्वरूप में परिवर्तन बढ़े हुए प्रसार के अनुरूप है, लेकिन "कई परिवर्तनों के असर" का अब भी पता नहीं चल पाया है। वारविक विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञानी लॉरेंस यंग ने ओमीक्रोन को कोविड-19 का अब तक का सबसे अधिक परिवर्तित स्वरूप" बताया, जिसमें संभावित रूप से चिंताजनक परिवर्तन शामिल हैं जो पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए थे।
  6. ओमीक्रोन वैरियंट के बारे में क्या पता है और क्या नहीं?वैज्ञानिकों को पता चला है कि ओमीक्रोन, बीटा और डेल्टा स्वरूप सहित पिछले स्वरूपों से आनुवंशिक रूप से अलग है, लेकिन यह नहीं पता चल पाया कि क्या ये आनुवंशिक परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक या घातक बनाते हैं। अब तक, कोई संकेत नहीं मिले हैं कि स्वरूप अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यह पता करने में संभवत हफ्तों लग सकते हैं कि क्या ओमीक्रोन अधिक संक्रामक है और क्या टीके इसके खिलाफ प्रभावी हैं या नहीं। इंपीरियल कॉलेज लंदन में प्रायोगिक चिकित्सा के प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने कहा कि यह काफी हद तक असंभव है कि वर्तमान टीके काम ना करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीके कई अन्य स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हैं।
  7. कोरोना का नया ओमीक्रोन वैरियंट कैसे उभरा?कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं। वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं।


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