इस्लामाबाद धार्मिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि मौलाना ताहिर अशरफी ने रविवार को महिलाओं पर एक 'तालिबानी' बयान दिया। उन्होंने विज्ञापनों में महिलाओं की उपस्थिति की आलोचना की। अशरफी ने कहा कि देश में इतने सुंदर पुरुष होने के बावजूद विज्ञापनदाता महिलाओं को ही अपने ब्रांड को प्रमोट करने के लिए चुनते हैं। उनके बयान से पाकिस्तान का 'कट्टरपंथी' चेहरा एकबार फिर बेनकाब हो गया है। लाहौर में मीडिया से बात करते हुए अशरफी ने कहा कि महिलाओं को अनावश्यक रूप से विज्ञापनों में नहीं दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस तरह की प्रथाओं के खिलाफ हैं। अशरफी ने अन्य मामलों पर भी टिप्पणी की और कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के निर्देश पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्लामोफोबिया के उदय का मुकाबला कर रहा है। यौन अपराधों को नहीं कर सकते नजरअंदाजअशरफी ने कहा कि इस उद्देश्य के साथ पाकिस्तान की सरकार दुनियाभर के विभिन्न इस्लामाी विद्वानों तक पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग वेबसाइटों पर ईशनिंदा वाली सामग्री पोस्ट करने वालों को हिरासत में ले लिया गया है। पाकिस्तान में यौन अपराधों के बढ़ते खतरे को लेकर अशरफी ने कहा कि अपराधियों को कठोर सजा दी जानी चाहिए क्योंकि इस तरह के अपराधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आतंकवाद खत्म करने में उलेमा की अहम भूमिकाअशरफी ने कहा कि देश से अश्लीलता, आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने में उलेमा की अहम भूमिका है। इस साल की शुरुआत में जारी की गई ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में घरेलू हिंसा ‘हॉटलाइन’ से एकत्र किए गए आंकड़ों में पिछले साल जनवरी और मार्च के बीच हुई घरेलू हिंसा में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कोविड-19 के कारण मार्च में शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान तो यह आंकड़ें काफी अधिक थे।
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