वॉशिंगटन अमेरिकी खगोलशास्त्री एडविन हबल ने 20वीं शताब्दी में सबसे पहले देखा था कि आकाशगंगाएं हमसे दूर हो रही हैं। वे जितना दूर जा रही हैं उतनी तेजी से चल रही हैं। इस खोज ने यह पुष्टि की थी कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, हालांकि वैज्ञानिक इसके पीछे के कारकों को स्पष्ट करने में असमर्थ रहे हैं। अमेरिका भर के अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने अब 100 साल पुरानी हबल की थ्योरी के आधार पर एक चौंकाने वाली खोज की है। अल्बर्ट आइंस्टीन के 1915 के सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल का एक-दूसरे में विलय हो सकता है और इस प्रक्रिया में उनका आकार बढ़ सकता है। खगोलविदों ने इन भविष्यवाणियों की पुष्टि 2015 में ब्लैक होल टकराव के कारण पैदा हुई गुरुत्वाकर्षण तरंगों की पहली बार पहचान के साथ की। इस खोज ने वैज्ञानिकों की चिंता को बढ़ा दिया है क्योंकि अंतरिक्ष में कुछ ऐसे ब्लैक होल हैं जिनका आकार अपेक्षा से कहीं ज्यादा बड़ा प्रतीत होता है। सूर्य से 100 गुना बड़े होते हैं ब्लैक होलमानोआ में हवाई विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय और एन आर्बर में मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने ब्रह्मांड की इस पहेली को सुलझा लिया है। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में इस महीने प्रकाशित एक नई रिसर्च में, वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित किया है कि ब्रह्मांड के विस्तार से ब्लैक होल अधिक विशाल हो सकते हैं। ब्लैक होल अपनी ओर आने वाले प्रकाश को अवशोषित कर लेते हैं इसलिए उन्हें नंगी आंखों नहीं देखा जा सकता। कुछ ब्लैक होल का आकार सूर्य से 50 से 100 गुना बड़ा हो सकता है। ब्रह्मांड विस्तार के साथ बढ़ेगा ब्लैक होल का आकारनई रिसर्च का अनुमान है कि ब्रह्मांड का विस्तार ब्लैक होल के बड़े होने का कारण बन रहा है, जो आने वाले समय में असामान्य घटनाओं को जन्म दे सकता है। यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि ब्रह्मांड का विस्तार आकाशगंगाओं और सितारों को बड़ा नहीं बनाता बल्कि यह अंतरिक्ष के क्षेत्र का विस्तार करता है। आसान शब्दों में कहें तो तारों के बीच की दूरी बढ़ रही है। ऐसे ब्रह्मांड में विलय के कारण ब्लैक होल का द्वव्यमान बढ़ेगा और इसकी गति ब्रह्मांड के विस्तार की गति के साथ ही बढ़ती जाएगी।
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