बीजिंग/इंफाल चीन और म्यांमार की सीमा से घिरा पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर से भीषण उग्रवादी हमले का शिकार हुआ है। मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले में 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बच्चे समेत 6 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले की जिम्मेदारी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) मणिपुर ने ली है। जी हां, चीन ही नहीं मणिपुर में भी एक 'पीएलए' है और इसके तार ड्रैगन की सेना PLA से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं। कर्नल विप्लव के काफिले पर हुए भीषण हमले की शुरुआती जांच में पता चला है कि इसे पूरी योजना के साथ अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस हमले में भारी हथियारों से लैस 15 से ज्यादा आतंकी शामिल थे। उन्होंने 3 आईईडी विस्फोट किए और उसके बाद जमकर फायरिंग की। खुफिया सूत्रों का कहना है कि PLA मणिपुर के आतंकी चीन की शह पर मणिपुर में हमलों को अंजाम दे रहे हैं। मणिपुर के पीएलए को चीनी सेना ने प्रशिक्षण दिया है और ये हमले करके पड़ोसी म्यामांर में भाग जाते हैं जो इन दिनों गृहयुद्ध की आंच से झुलस रहा है। चीन की मदद से भारत को तोड़ने के सपने देख रहा मणिपुर के पीएलए का गठन उग्रवादी नेता एन बिशेस्वर ने किया था ताकि पूर्वोत्तर इलाके को भारत से अलग किया जा सके। पूर्वोत्तर भारत को अलग करने के बाद उसे आधार बनाकर भारत के अन्य हिस्सों पर कब्जा किया जा सके। यह उग्रवादी संगठन चीन की मदद से भारत को तोड़ने के सपने देख रहा है। यह ठीक उसी माओवादी और मार्क्सवादी विचारधारा को मानता है जिसे चीनी सेना पीएलए मानती है। पीएलए के उग्रवादी अब तक कई बार भारतीय सुरक्षाबलों पर खूनी हमले कर चुके हैं। आंतकवाद पर नजर रखने वाली संस्थाओं का कहना है कि पीएलए मणिपुर के उग्रवादियों को चीन की सेना ने पूरा प्रशिक्षण और हथियार दिया है। चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स चीनी सेना के मणिपुर के पीएलए से संबंधों को खारिज किया है लेकिन उग्रवादी गुट के एक आतंकी ने खुद ही स्वीकार किया था कि उसके गुट को चीनी सेना प्रशिक्षण दे रही है। साल 2009 में पीएलए का एक उग्रवादी पकड़ा गया था। उसका नाम सार्जेंट रोनी था। उसने पूछताछ में कहा था, 'चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मणिपुर के पीएलए के साथ संपर्क में है।' मणिपुर के पीएलए उग्रवादियों को म्यांमार में प्रशिक्षण रोनी कहा था, 'चीन में प्रशिक्षण लेने के बाद उग्रवादियों की 16 प्लाटून वापस भारत वापस आ गई है।' इन्हें बड़े और घातक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है। रोनी ने बताया कि मणिपुर के पीएलए उग्रवादियों का प्रशिक्षण म्यांमार में लगातार जारी है। यही नहीं मणिपुर में भी इस आतंकी गुट के कई अस्थायी ट्रेनिंग कैंप हैं। इनमें सिन्घात भी शामिल है जहां पर यह ताजा हमला हुआ है। इससे पहले यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडी की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि चीन से हथियारों की अवैध सप्लाइ म्यांमार के उग्रवादियों को हो रही है जिससे भारत के लिए खतरा पैदा हो गया है। म्यांमार में इन दिनों बडे़ पैमाने पर हिंसा जारी है और कई उग्रवादी गुट वहां पैदा हो गए हैं जो सेना के साथ जंग लड़ रहे हैं। इन्हें बड़े पैमाने पर नए हथियार और अन्य चीन से मिल रहे हैं। ये हथियार अब पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी पहुंच रहे हैं। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक मणिपुर के पीएलए को नगा उग्रवादी गुट एनएससीएन से भी म्यांमार में प्रशिक्षण मिला है। एनएससीएन के चीनी सेना पीएलए के साथ बहुत घनिष्ठ संबंध हैं।
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