
पेरिस बीते बुधवार को इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश कर रहे शरणार्थियों से भरी एक नाव पलट गई। इसमें 27 लोगों की मौत हो गई जो हाल ही में सबसे भयानक हादसा है। दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में शामिल इंग्लिश ब्रिटेन और फ्रांस के बीच एक जल सीमा है। हर साल हजारों लोग फ्रांस की ओर इसे पार करके ब्रिटेन जाने की कोशिश करते हैं। छोटी नाव के सहारे बड़े समुद्र को पार करने की कोशिश में अक्सर नाव पलट जाती है और लोगों की मौत हो जाती है। इसमें तस्करों की बड़ी भूमिका है जो पैसे लेकर लोगों को सीमा पार करवाते हैं। तस्करों के नेटवर्क के अनुसार इंग्लिश चैनल को पार कराने की कीमत अलग-अलग होती है। यह तीन हजार और सात हजार यूरो (3,380 डॉलर और 8,000 डॉलर) के बीच होती है। हालांकि इसमें छूट दिए जाने की भी अफवाहें हैं। शुल्क में उत्तरी फ्रांस के रेगिस्तानी इलाकों में बहुत ही कम अवधि के टेंट का किराया और भोजन शुल्क भी शामिल है। एक बार फिर इंग्लिश चैनल चर्चा में इसलिए है क्योंकि में बुधवार को एक नौका डूबने से उसमें सवार ब्रिटेन जा रहे 27 शरणार्थियों की मौत हो गई थी। अब तक 23,000 लोग पहुंचे उस पारफ्रांस के गृह मंत्री ने इसे शरणार्थियों की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया है। इस घटना की जांच पेरिस के अभियोजकों को सौंप दी गई है जो संगठित अपराध के विशेषज्ञ हैं। ब्रिटेन के गृह कार्यालय के अनुसार, 17 नवंबर तक, 23,000 लोग सफलतापूर्वक इस चैनल को पार कर चुके थे। फ्रांस ने लगभग 19,000 लोगों को रोका है। एक वियतनामी विशेषज्ञ मिमी वू जो नियमित रूप से उत्तरी फ्रांस के शिविरों में समय बिताती हैं, उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस और ब्रेक्सिट के बीच, 'यह तस्करों और संगठित अपराध के लिए एक स्वर्ण युग है क्योंकि देशों में अव्यवस्था की स्थिति है।' कौन और क्यों इंग्लिश चैनल पार करना चाहते हैं लोग अवैध प्रवासी सिर्फ फ्रांस के नागरिक हैं बल्कि इनमें ईरान, इराक, सीरिया, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, कुवैत, तुर्की, फिलिस्तीन, मिस्र, इरिट्रिया, इथियोपिया, सूडान, दक्षिण सूडान, यमन, गिनी, माली, चाड, सोमालिया, नाइजर, लीबिया और अल्बानिया सहित कई देशों के लोग शामिल हैं। सवाल यह कि ये लोग इंग्लिश चैनल को पार क्यों करना चाहते हैं? इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जो लोगों के मूल देश की और उनके व्यक्तिगत जीवन पर निर्भर करते हैं। कुछ युद्धग्रस्त देशों और जबरन सैन्य सेवाओं को छोड़कर भाग रहे हैं जबकि कुछ उत्पीड़न से बचकर भाग रहे हैं। कुछ को बेहतर जीवन के लिए ब्रिटेन आना है तो कुछ लोगों के दोस्त और परिवार पहले से ही ब्रिटेन में रहते हैं।
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