
काबुल तालिबान का सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा शनिवार को आखिरकार दुनिया के सामने आ गया। और इसी के साथ उसके मरने की अफवाहें गलत साबित हो गईं। एक वीडियो में अखुंदजादा को अपने समर्थकों के साथ देखा जा सकता है। वह तालिबान की जन्मभूमि कंधार में दिखाई दिया जहां वह एक मदरसे का दौरा करने पहुंचा था। इससे पहले रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हैबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत 2020 में ही हो चुकी है। तब तालिबान ने इस खबर का न तो खंडन किया था और न ही समर्थन। वीडियो चीन की न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने शेयर किया है। एक मिनट 13 सेकेंड की क्लिप में अखुंदजादा को देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया गया, 'तालिबान का सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदजादा शनिवार को समूह के जन्मस्थान कंधार में नजर आया, जहां वह एक धार्मिक स्कूल का दौरा करने पहुंचा था।' दावा किया जा रहा है कि अखुंदजादा ने कंधार में अपने समर्थकों संबोधित किया है। अखुंदजादा साल 2016 में अख्तर मंसूर की मौत के बाद तालिबान का सरगना बना था, तभी से वह पर्दे के पीछे से दुनिया के सबसे ताकतवर आतंकी संगठन का संचालन कर रहा था। ऑडियो संदेश में अखुंदजादा ने क्या कहाअगस्त में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से ही अखुंदजादा की भूमिका को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे थे। तालिबान सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रसारित ऑडियो संदेश में दावा किया गया है कि शनिवार को अखुंदजादा ने अपने लड़ाकों और "बहादुर सैनिकों" से बात करने के लिए दारुल उलूम हकीमा मदरसे का दौरा किया। अखुंदजादा ने रिकॉर्डिंग में कहा कि अल्लाह अफगानिस्तान के उत्पीड़ित लोगों पर रहम करे, इन लोगों ने 20 साल तक काफिरों और उत्पीड़कों से लड़ाई लड़ी। कड़ी सुरक्षा के चलते सामने नहीं आई थी फोटो10 मिनट की रिकॉर्डिंग में अखुंदजादा ने मारे गए तालिबान लड़कों, घायल हुए मुजाहिदीन और अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के पुनर्निर्माण में शामिल लोगों की सफलता के लिए दुआ मांगी। उसने कहा कि आइए प्रार्थना करें कि हम इस बड़ी परीक्षा से सफलतापूर्वक बाहर आएं। अल्लाह हमें मजबूत रहने में मदद करे। इस पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा काफी कड़ी थी, जिससे कोई भी वीडियो और तस्वीर तत्काल सामने नहीं आ सकी थी।
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