मॉस्को रूस के राष्ट्रपति ने काला सागर में नाटो देशों के युद्धाभ्यास पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि नाटो काला सागर में युद्धाभ्यास कर रूस को चुनौती दे रहा है। उन्होंने इस युद्धाभ्यास के दौरान स्ट्रैटजिक एयरफोर्स के इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठाए। इन दिनों यूरोप में रूस-यूक्रेन और बेलारूस-पोलैंड के बीच तनाव चरम पर है। इन सबके बीच रूसी राष्ट्रपति की चेतावनी को काफी अहम माना जा रहा है। पुतिन ने रणनीतिक विमानों के इस्तेमाल पर चिंता जताई पुतिन ने टीवी चैनल रूस 24 से कहा कि रूस की सीमा के पास नाटो अभ्यास एक खतरनाक चुनौती है, क्योंकि इसमें शामिल देश अपनी सामरिक वायु सेना का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश काला सागर में पहले से अनिर्धारित युद्धाभ्यास कर रहे हैं। मैं जोर देकर कह रहा हूं कि यह पहले से निर्धारित अभ्यास नहीं है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी दिया युद्धाभ्यास का प्रस्ताव उन्होंने कहा कि इस दौरान नाटो देशों ने शक्तिशाली युद्धपोतों के फॉर्मेशन बनाए, बल्कि लड़ाकू विमानों और रणनीतिक विमानों का भी इस्तेमाल भी किया। हमारे रक्षा मंत्रालय ने भी उसी क्षेत्र में अपने अनियोजित युद्ध अभ्यास का प्रस्ताव रखा है। लेकिन मेरा मानना है कि यह उचित नहीं है और वहां स्थिति को और बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अमेरिका का छठवां बेड़ा भी काला सागर में मौजूद रूसी राष्ट्रपति के बयान अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के रूसी जल क्षेत्र के पास अभ्यास शुरू करने के बाद आया है। इससे पहले अमेरिका के छठे बेड़े का फ्लैगशिप और कमांड शिप यूएसएस माउंट व्हिटनी ने काला सागर में प्रवेश किया। इसके साथ अमेरिकी परमाणु पनडुब्बियां और युद्धपोत भी काला सागर में गश्त लगा रहे हैं। रूस ने क्रीमिया के पास नाटो विमानों की कई टोही उड़ानें इंटरसेप्ट भी कीं हैं। यूरोप में क्यों बने जंग जैसे हालात यूरोप में इस समय कई मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। इसमें सबसे कॉमन बात हर तनाव में रूस का शामिल होना भी है। इस समय रूस के करीबी देश बेलारूस और अमेरिका का नजदीकी पोलैंड के बीच प्रवासी संकट चरम पर है। इन सबके बीच रूस ने बेलारूस में अपने दो परमाणु बमवर्षक विमान और पैराट्रूपर्स की फौज को ताकत दिखाने भेज दिया है। उधर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी नाटो को चेतावनी दी है। हालांकि, पुतिन ने खुद साफ किया है कि बेलारूस-पोलैंड प्रवासी संकट में रूस की कोई भूमिका नहीं है। यूक्रेन के नजदीक रूसी सेना की तैनाती से भी तनाव रूस ने इस साल दूसरी बार यूक्रेन की सीमा के नजदीक फौज को बड़ी संख्या में तैनात किया है। इसमें टैंक, मिसाइल, पैदल सैनिक, ड्रोन और ऑर्मर्ड गाड़ियां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि क्रीमिया में रूस समर्थित अलगाववादियों के हमले में यूक्रेनी सैनिकों की मौत के बाद से ही तनाव बढ़ता जा रहा है। इसके जवाब में यूक्रेन ने इन अलगाववादियों पर ड्रोन हमला किया था।
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