वॉशिंगटन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्र ग्रह के लिए 'दाविंची' (DAVINCI) मिशन का खूबसूरत वीडियो जारी किया है। इस मिशन को साल 2029 में लॉन्च किया जाना है। इसके जरिए नासा शुक्र के मौसम और सतह से जुड़ी कई जानकारियों को हासिल करना चाहता है। नासा ने अपने वीडियो में मिशन से संबंधित कई जानकारियां शेयर की हैं। पृथ्वी की बहन के नाम से मशहूर शुक्र ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों के पास अभी तक काफी कम जानकारी ही मौजूद है। दो पार्ट में मिशन को अंजाम देगा नासा DAVINCI का पूरा नाम डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैस, केमिस्ट्री, एंड इमेजिंग मिशन है। नासा के वैज्ञानिक इस मिशन को दो पार्ट में अंजाम देने की तैयारी में हैं। पहले हिस्से में एक अंतरिक्षयान शुक्र के चारों ओर दो बार परिक्रमा करेगा। इसके बाद वह शुक्र की सतह पर अंतरिक्षयान से प्रोब को गिराया जाएगा। शुक्र का वायुमंडल पृथ्वी से 90 गुना घना है। शुक्र के वायुमंडल की रीडिंग लेगा प्रोब शुक्र के बादल मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड से बने होते हैं। प्रोब भी शुक्र के वातावरण से होते हुए धीरे-धीरे सतह की ओर नीचे जाएगा। इस दौरान प्रोब में लगे सेंसर शुक्र के वातावरण की रीडिंग लेंगे। प्रोब शुक्र के वायुमंडल में ऑक्सीजन के साइन का भी पता लगाएगा जो पानी की उपस्थिति की ओर इशारा करेगा। शुक्र का तापमान 100 डिग्री से भी ऊपर पृथ्वी के पड़ोसी शुक्र की सतह की स्थिति सौरमंडल के सभी ग्रहों की तुलना में सबसे अधिक कष्टदायक है। यह एक 'ग्रीनहाउस ग्रह' है जिसकी सतह का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। वैज्ञानिक और शोधकर्ता हमेशा इस बात को लेकर उत्सुक रहते हैं कि क्या शुक्र कभी रहने योग्य था। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ रोगाणु जो उच्च तापमान को सहन कर सकते हैं, वे शुक्र के ऊपरी वायुमंडल में मौजूद हैं।
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