
अक्सर देखा जाता है कि जमीन पर होने वाले युद्धों में टैंक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में जानिए दुनिया के पांच सबसे बेहतरीन और शक्तिशाली टैंकों के बारे में सबकुछ...

दुनियाभर में कई देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है, तो यूरोप में रूस और यूक्रेन अपनी-अपनी सीमा पर सेना को उतार चुके हैं। अफ्रीकी देश इथियोपिया के टिग्रे क्षेत्र में तो सेना और विद्रोहियों के बीच पिछले कई महीनों से जंग जारी है। भला 1971 की लड़ाई में सैकेंड लैफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के शौर्य को कौन भूल सकता है। उन्होंने अपने टैंक से युद्ध के दौरान ऐसा पराक्रम दिखाया कि उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। अक्सर देखा जाता है कि जमीन पर होने वाले युद्धों में टैंक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में जानिए दुनिया के पांच सबसे बेहतरीन और शक्तिशाली टैंकों के बारे में सबकुछ...
अबराम टैंक (अमेरिका)

एम-1 ए-2 अबराम (अब्राम) अमेरिकी सेना का मुख्य युद्धक टैंक (MBT) है। इस टैंक का इस्तेमाल अमेरिका के अलावा सऊदी अरब, इराक, कुवैत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं भी करती हैं। एम1ए2 अबराम को दुनिया के सबसे खतरनाक टैंकों में शुमार किया जाता है। इस टैंक को जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स ने पहली बार 1978 में बनाया था। जिसके बाद समय-समय पर इसमें अपग्रेडेशन का काम किया जाता रहा है। इस टैंक ने फारस की खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान में युद्ध, इराक युद्ध, 2011 की मिस्र की क्रांति, इराकी गृहयुद्ध, यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व में किए गए हमले में अपनी ताकत को दिखाया है। इस टैंक में मुख्य हथियार के रूप में 120एमएम की M256 स्मूथबोर गन लगी हुई है। यह गन 3000 मीटर (3 किलोमीटर) तक मार करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें 120 मिमी की बंदूक भी लगी हुई है, जो किसी लो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिरा सकती है। इस टैंक में यूरेनियम ऑर्मर लगा हुआ है, जो दुश्मन के हमले को नाकाम कर देता है।
टी-14 आर्मटा टैंक (रूस)

यूक्रेन से जारी तनाव के बीच रूस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंक टी-14 आर्मटा (अरमाटा टैंक) का आधिकारिक उत्पादन शुरू कर दिया है। इस अत्याधुनिक टैंक को रूस ने पहली बार 9 मई 2015 को रेड स्क्वायर पर आयोजित विक्ट्री डे परेड में जनता के सामने प्रस्तुत किया था। दुनिया का सबसे खतरनाक यह टैंक पूरी तरह से डिजिटल उपकरणों से लैस है। इसके अंदर मौजूद क्रू की सुरक्षा के लिए अलग से कंपार्टमेंट भी बनाया गया है। रूस इस टैंक को अपनी पैदल सेना का सबसे प्रमुख हथियार बनाना चाहता है। अभी तक यह टैंक परीक्षण के दौर से गुजर रहा था। टी-14 आर्माटा टैंक रूसी सेना का मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) है। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से चलने वाली इस टैंक का वजन करीब 55 टन है। इस टैंक को पहली बार 2015 में बनाया गया था। तब से लेकर अब तक रूसी सेना के परेड में कई बार इन टैंकों को प्रदर्शित किया जा चुका है। रूस की आर्मटा को नेक्स्ट जेनरेशन का टैंक माना जाता है।यह टैंक 125 एमएम के स्मूथबोर कैनन से लैस होती है, जो 10 से 12 राउंड प्रति मिनट के दर से गोले दागने में सक्षम है। इस टैंक से एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल को भी फायर किया जा सकता है, जो दुश्मन के लो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स जैसे हेलिकॉप्टर या छोटे ड्रोन का मार गिराने में सक्षम है। अभी तक इस टैंक के केवल 20 यूनिट को ही बनाया जा सका है। हालांकि, रूसी सेना इसके भी अपडेट वर्जन टी-15 आर्मटा का उपयोग कर रही है।
टी-90 भीष्म (रूस/भारत)

टी-90 भीष्म भारत का मुख्य युद्धक टैंक है। यह टैंक मूल रूप से रूस में बना है। इसके नाम में टी टैंक को बताता है, जबकि 90 का मतलब यह 1990 के दशक में आधिकारिक रूप से बनकर तैयार हुआ था। इसकी गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंकों में की जाती है। इसमें भी तीन क्रू मेंबर होते हैं जिनमें ड्राइवर, कमांडर और गनर शामिल होता है। T-90 टैंक में Kaktus K-6 एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर लगा हुआ है, जो इसे दुश्मन के हमले से बचाता है। टी-90 टैंक में अचूक 125 एमएम की मेन गन है। यह 6 किलोमीटर दूर तक सटीक गोलीबारी कर सकता है। इतना ही नहीं, टी-90 टैंक कई तरह की मिसाइलों को भी फायर करने में सक्षम है। इसका वजन 48 टन है। यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है। यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है। इसमें 1000 हॉर्स पावर का शक्तिशाली इंजन लगा हुआ है। यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय कर सकता है। यह टैंक एंटी एयरक्राफ्ट गन से भी लैस है जो दुश्मनों के हेलिकॉप्टर को मार गिरा सकती है।
K2 ब्लैक पैंथर (दक्षिण कोरिया)

दक्षिण कोरिया की कंपनी Hyundai Rotem कोरियाई सेना के लिए के-2 ब्लैक पैंथर टैंक को बनाया है। यह टैंक आजतक के बेहतरीन मशीनरी और टेक्नोलॉजी से लैस है। इसे 21वीं सदी के युद्धों में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस टैंक को पहली बार 2009 में सियोल एयरोस्पेस एंड डिफेंस एक्जीबिशन (एडीईएक्स) में प्रदर्शित किया गया था। इसे 2014 में दक्षिण कोरियाई सेना के मुख्य युद्धक टैंक के रूप में तैनात किया गया था। K2 ब्लैक पैंथर टैंक को कमांडर, गनर और ड्राइवर सहित तीन क्रू चलाते हैं। यह टैंक 10.8 मीटर लंबा, 3.6 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर ऊंचा है। K2 ब्लैक पैंथर का मुख्य हथियार 120 एमएम की स्मूथबोर गन है। इसका ऑटोलैडर टैंक के उबड़-खाबड़ सतह पर चलने पर भी गोले को लोड करना सुनिश्चित करने में सक्षम है। 120एमएम की इसकी गन प्रति मिनट लगभग 10 राउंड फायर कर सकती है।
वीटी-4 टैंक (चीन)

चीन के वीटी-4 मेन बैटल टैंक को एमबीटी-3000 के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन के तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है। चीन ने इस टैंक को दूसरे देशों को बेचने के लिए खासतौर पर बनाया है। 52 टन वजनी यह टैंक 10.10 मीटर लंबा और 3.4 मीटर चौड़ा है। इस टैंक को तीन क्रू मेंबर मिलकर चला सकते हैं। जिसमें एक ड्राइवर, दूसरा कमांडर और तीसरा गनर होता है। इसका मुख्य हथियार 125 एमएम की गन है। इसमें टर्बोचार्ज इंजन लगा हुआ है जो टैंक को 1300 हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करता है।
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