Wednesday 27 January 2021

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किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हुई हिंसा की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में लाल किले पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा फहराने और पुलिस के साथ हुई झड़प पर खबरें प्रकाशित हुई हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा तो ऐसे देश हैं, जहां के नेताओं ने तो खुलकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। जानिएं विदेशी मीडिया ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा और तोड़फोड़ पर क्या लिखा...?

Tractor Rally Violence: किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हुई हिंसा की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में लाल किले पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा फहराने और पुलिस के साथ हुई झड़प पर खबरें प्रकाशित हुई हैं।


लाल किले पर उपद्रव, जानें विदेशी मीडिया ने दिल्ली हिंसा पर क्या लिखा?

किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली में हुई हिंसा की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में लाल किले पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा फहराने और पुलिस के साथ हुई झड़प पर खबरें प्रकाशित हुई हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा तो ऐसे देश हैं, जहां के नेताओं ने तो खुलकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। जानिएं विदेशी मीडिया ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा और तोड़फोड़ पर क्या लिखा...?



न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट

अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि हजारों की संख्या में किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में अपने ट्रैक्टर्स का इस्तेमाल कर बैरिकेडिंग तोड़ने और सुरक्षाबलों को हटाने का प्रयास किया। जिसके खिलाफ पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और इंटरनेट सेवा को बाधित कर दिया गया। पुलिस ने कई जगह लाठीचार्ज भी किया। यह दो महीने के आम तौर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में सबसे अधिक हिंसक वृद्धि है। एक तरफ पुलिस रायफल ताने खड़ी रही तो अधिकतर किसानों के पास लंबी तलवारें, धारदार खंजर और कुल्हाड़ियों जैसे पारंपरिक हथियार थे।



पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट
पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को कवर किया। डॉन ने लिखा कि भारत में कृषि सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों भारतीय किसानों ने मंगलवार को राजधानी में ऐतिहासिक लाल किला परिसर में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प के बाद झंडे फहराए। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। डॉन ने कई तस्वीरें भी लगाईं जिसमें प्रदर्शनकारी लाल किले पर उपद्रव करते हुए दिखाई दे रहे हैं।



स्टेयर्स टाइम्स की रिपोर्ट
स्टेयर्स टाइम्स की रिपोर्ट

सिंगापुर की स्टेयर्स टाइम्स ने लिखा कि कृषि सुधारों का विरोध करने वाले हजारों भारतीय किसानों ने मंगलवार (26 जनवरी) को बेरिकेड्स तोड़ दिए। राजधानी में ऐतिहासिक लाल किला परिसर में प्रवेश करने और पुलिस के साथ झड़प करने के बाद झंडे फहराए। इन्हें शांत करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अखबार ने लिखा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक के रूप में ये किसान नई दिल्ली के बाहर डेरा डाले हुए हैं।



अलजजीरा की रिपोर्ट
अलजजीरा की रिपोर्ट

मिडिल ईस्ट की प्रसिद्ध मीडिया अलजजीरा ने लिखा कि हजारों भारतीय किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुगल-युग के लाल किला परिसर में नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। इस हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए और कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई। अलजजीरा ने आगे लिखा कि किसानों ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए बीच शहर मार्च करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। प्रदर्शनकारियों ने गणतंत्र दिवस की सैन्य परेड के लिए की गई विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए लाल किले में प्रवेश किया और सिख किसानों ने एक धार्मिक झंडा भी लगाया।





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