एथेंस पाकिस्तान और तुर्की के बीच गहराती नापाक दोस्ती पर ग्रीस के विशेषज्ञों ने भारत को चेतावनी दी है। यूनानी विशेषज्ञों ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब ऐसी खबरें आई हैं कि पाकिस्तान परमाणु बम और मिसाइल तकनीक को तुर्की को ट्रांसफर कर रहा है। इस खबर के बाद से पूरी दुनिया हिली हुई है। विशेषज्ञों ने कहा कि पाकिस्तान और तुर्की के बीच इस दोस्ती से ग्रीस और भारत में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा हो गया है। ग्रीस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रफेसर जॉन नोमिकोस ने यहां एक वेबिनार में कहा कि तुर्की-पाकिस्तान की सांठगांठ भारत और ग्रीस के लिए बड़ा खतरा बन गई है। उन्होंने कहा कि तुर्की, पाकिस्तानी और चीनी खुफिया एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए एकसाथ मिलकर काम कर रही हैं। प्रफेसर नोमिकोस ने अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन का आह्वान किया कि वह तुर्की के परमाणु हथियारसंपन्न राष्ट्र बनने के सपने पर लगाम लगाए। 'भूमध्य सागर में अपनी अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करे भारत' उन्होंने कहा कि तुर्की-पाकिस्तान पर नकेल कसने के लिए भारत को भूमध्य सागर में अपनी अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। वहीं ग्रीस के समाचार संगठन Pentapostagma के एडिटर एंद्रेस माउंटजोउरोउलियास ने कहा कि ऐसे समय पर जब पाकिस्तान तुर्की को परमाणु हथियार सामग्री दे रहा है, भारत और ग्रीस के बीच एक अलायंस बनना चाहिए। दोनों देशों को मिलकर हथियार बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि तुर्की स्कॉलरशिप के नाम पर भारतीय छात्रों को लालच देता है। एंद्रेस ने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति के 'खलीफा' बनने के सपने से दुनिया के लिए खतरा पैदा हो गया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक पाकिस्तान और तुर्की के बीच परमाणु बम और मिसाइल बनाने को लेकर गुप्त समझौता पिछले दिनों हुआ है। तुर्की और पाकिस्तान के 22-23 दिसंबर को एक मुलाकात की थी। विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक में तेजी से बदलते भूराजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इमरान खान से दोस्ती के बल पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान अपने परमाणु बम के सपने को पूरा करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि परमाणु हथियार हासिल करके वह इस्लामिक दुनिया में सऊदी अरब के प्रिंस से बढ़त बना लेंगे। एर्दोगान ने जाहिर की थी परमाणु बम की महत्कांक्षा एर्दोगान ने सितंबर 2019 में दिए अपने एक भाषण में अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा को खुलकर दुनिया के सामने रखा था। उन्होंने कहा था, 'एक या दो नहीं कई देशों के पास परमाणु बम के साथ मिसाइल है। लेकिन (वे हमें कहते हैं कि) हम इसे नहीं रख सकते हैं। मैं इसे स्वीकार नहीं करता हूं। विकसित देशों में ऐसा कोई नहीं है जिसके पास यह नहीं है।' एर्दोगान का यह दावा झूठा है क्योंकि दुनिया में जापान, जर्मनी जैसे कई ऐसे विकसित देश हैं जिनके पास परमाणु बम नहीं है। अपनी परमाणु महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति ने इमरान खान और वहां की सेना को साधा है। पाकिस्तान का परमाणु सामग्री की तस्करी का पुराना इतिहास रहा है। पाकिस्तान परमाणु ब्लैक मार्केट का बादशाह है और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान कई देशों को परमाणु तकनीक दे चुके हैं। खान पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक हैं।
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