
दमिश्क अमेरिका ने सीरिया के डेरा अल जोर में ईरानी मिलिशिया के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद एक और खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिया है। सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी साना ने दावा किया है कि उत्तर पूर्वी शहर ऐश शादादी से अमेरिकी सेना ने आईएसआईएस के 10 आतंकियों को एयरलिफ्ट किया है। इतना ही नहीं, एजेंसी का यह भी कहना है कि इन आतंकियों को देश से बाहर भेजने के लिए सीरियाई-जॉर्डन बॉर्डर पर स्थित अल तन्फ मिलिट्री बेस पर अमेरिकी सैन्य डॉक्टरों ने मेडिकल चेकअप भी की है। सीरिया ने अमेरिकी सेना पर लगाया गंभीर आरोप सीरिया ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी सेना इन आतंकवादियों का इस्तेमाल सीरियन आर्मी, नागरिकों और हाईवे पर हमले के लिए करने की प्लानिंग कर रही है। शुक्रवार को सीरियाई न्यूज एजेंसी ने बताया कि आईएसआईएस के इन 10 आतंकवादियों को अमेरिकी सेना ने अल-हसकाह प्रांत के इंड्रस्टियल सेकेंडरी जेल से एश शादादी एयबेस बेस तक लेकर आई थी। जहां से इन्हें मेडिकल जांच के लिए अल तन्फ मिलिट्री बेस भेज दिया गया। शुक्रवार को ही अमेरिका ने सीरिया में किए थे हवाई हमले पिछले शुक्रवार को ही अमेरिकी सेना ने सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया के ठिकानों पर जोरदार हवाई हमले किए थे। इस हमले में ईरानी मिलिशिया के कम से कम 22 लड़ाके मारे गए थे। जबकि, कई अन्य बुरी तरह से घायल हुए थे। दरअसल, अमेरिका को शक था कि इस मिलिशिया ने इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया था जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक घायल हो गए थे। जिसके बाद अमेरिका ने यह कार्रवाई की थी। असद सरकार का विरोधी है अमेरिका सीरिया में अमेरिका सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज को समर्थन देता है। यह गुट असद सरकार का विरोध करती है। हाल में ही भयंकर गृहयुद्ध से निकली सीरिया सरकार का पूरे देश के ऊपर नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज समेत कई ऐसे विरोधी गुट हैं जो देश के बड़े हिस्से पर अपना नियंत्रण बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिकी सेना की नई तैनाती से सीरिया फिर जंग का मैदान बन सकता है। कई देशों के बीच जंग का मैदान बना सीरिया आईएसआईएस के आतंकियों के हाथों तबाह हो चुका सीरिया अब दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के बीच जंग का मैदान बनता जा रहा है। वहां रूस और अमेरिका के बीत पहले से ही तनातनी जारी है। जिसमें रूस सीरियाई सरकार का समर्थन कर रही है, वहीं अमेरिका उनका विरोध। अमेरिका ने सीरिया के अल्पसंख्यक गुट कुर्दों के सैन्य दस्तों को समर्थन दिया हुआ है। वहीं, इजरायल भी सीरिया में ईरानी मिलिशिया की मौजूदगी को खत्म करने के लिए लगातार हमले कर रहा है। तुर्की भी सीरिया में भाड़े के सैनिकों के दम पर अपने हितों को सााधने में जुटा है।
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