अबूधाबी तुर्की और पाकिस्तान के नापाक गठजोड़ से निपटने के लिए भारत ने भी अब कमर कस ली है। भारतीय वायुसेना संयुक्त अरब अमीरात में हवाई अभ्यास करने जा रही है। आज से शुरू हो रहे डेजर्ट फ्लैग नामक इस युद्धाभ्यास में भारत के 6 बेहतरीन सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे। अरब देशों के साथ युद्धाभ्यास से जहां भारत के रक्षा रिश्ते नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे वहीं तुर्की और पाकिस्तान की धुकधुकी बढ़ना तय है। इस अभ्यास में तुर्की का प्रबल विरोधी ग्रीस भी हिस्सा ले रहा है। तीन से 27 मार्च तक होने जा रहे युद्धाभ्यास 'डेजर्ट फ्लैग' में भारत और UAE के अलावा अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब समेत कुल 10 देश हिस्सा लेंगे। इस अभ्यास में ग्रीस, जॉर्डन, कुवैत और मिस्र को पर्यवेक्षक राष्ट्र का दर्जा दिया गया है। सुखोई फाइटर जेट के अलावा भारत के दो C-17 मालवाहक विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। इस अभ्यास से पाकिस्तान और मुस्लिम जगत का खलीफा बनने की चाहत रखने वाले तुर्की की टेंशन बढ़ना तय है। भारत के साथ संबंध बढ़ा रहे सऊदी अरब और यूएई अब तक अरब देशों में पाकिस्तान सेना की अच्छी पकड़ रही है। यमन में सऊदी अरब की सेना का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ कर रहे हैं। अब सऊदी अरब और उसका घनिष्ठ दोस्त यूएई दोनों ही भारत के साथ रक्षा संबंध बढ़ा रहे हैं। भारत ने 20-25 फरवरी के बीच अबू धाबी में हुईं दो नेवल डिफेंस एग्जिबिशंस में INS प्रलय को भेजा था। पिछले साल दिसंबर में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सऊदी अरब और UAE की यात्रा की थी। यही नहीं जब राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत आ रहे थे तो उन्हें UAE के एयरफोर्स टैंकर्स ने मिड एयर रीफ्यूलिंग सपोर्ट दिया था। भारतीय वायुसेना ने भी हाल ही में अपने राफेल जेट्स के साथ जोधपुर में फ्रांस के साथ युद्धाभ्यास किया था। इसका एक्सरसाइज का कोडनेम 'डेजर्ट नाइट 2021' रखा गया था। इस एक्सरसाइज से तुर्की के सपनों पर भी बड़ा आघात लगेगा जो ताकत के बल पर ग्रीस को दबाने की फिराक में लगा हुआ है। ग्रीस ने तुर्की की सेना से निपटने के लिए हाल ही में फ्रांस के साथ 18 राफेल फाइटर विमान खरीदने का सौदा किया है। तुर्की के साथ सीमा को लेकर विवाद में फ्रांस ने ग्रीस का साथ दिया तुर्की के साथ एजियन सागर और पूर्वी मेडिटरेनियन सागर की सीमा को लेकर विवाद में फ्रांस ने ग्रीस का साथ दिया है। दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव पिछले साल गहरा गया था जब तुर्की ने विवादित क्षेत्र में अपना मिशन भेज दिया था। हालांकि, ग्रीस और तुर्की ने शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने की कोशिश की थी लेकिन एथेंस ने कहा है कि वह अपनी सेना को अपग्रेड करने के लिए अरबों यूरो का अपना प्रोग्राम जारी रखेगा। इस साल मई से ग्रीस की सेना में अनिवार्य सेवा का वक्त 9 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया जाएगा। ग्रीस अपनी रक्षा क्षमता को नए जेट, फ्रीगेट और हथियारों की मदद से बढ़ाना चाहता है।
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