इस्लामाबाद कश्मीर के मुद्दे पर अक्सर जहर उगलने वाला तुर्की अब भारत के धुर विरोधी पाकिस्तान के साथ मिलकर मिसाइलें और फाइटर जेट बनाने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप रेसेप एर्दोगान अमेरिका के साथ चल रही तनातनी के बीच तुर्की की नजर अब चीन की हथियार तकनीक पर है। तुर्की रूस से भी S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है। तुर्की-पाकिस्तान और चीन की इस नापाक तिकड़ी से भारत की टेंशन बढ़ सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ इस संबंध में बैठक की है। तुर्की पाकिस्तान के साथ मिलकर सेना के लिए हार्डवेयर बनाना और उनका विकास करना चाहता है। इस दिशा में दोनों ही देशों के अधिकारियों की जनवरी में बैठक हुई थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह बैठक किस हद तक आगे बढ़ी। पाकिस्तान ने शाहीन मिसाइल का निर्माण चीन की डिजाइन पर किया पाकिस्तान ने चीन की मदद से JF-17 थंडर फाइटर जेट बनाया है। इसका मतलब यह है कि अगर तुर्की पाकिस्तान के साथ समझौता करता है तो उसका चीनी की रक्षा तकनीक को पाने का रास्ता खुल जाएगा। यही नहीं पाकिस्तानी टीवी चैनल जिओ के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी शाहीन मिसाइल का निर्माण भी चीन की डिजाइन पर किया है। तुर्की के अधिकारियों ने कहा कि उनका देश पाकिस्तान को एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में देखता है और उसके साथ मिलकर सिपेर लॉंग रेंज मिसाइल डिफेंस प्रॉजेक्ट तथा टीएफ-एक्स फाइटर जेट पर मिलकर काम कर रहा है। तुर्की के चीन की गोद में जाने से नाटो देशों के साथ उसके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। तुर्की भी नाटो देशों में शामिल है। रूस के साथ एस-400 खरीदने पर पहले ही अमेरिका ने तुर्की के ऊपर प्रतिबंध लगा रखा है। इससे पहले पाकिस्तान और तुर्की के बीच गहराती नापाक दोस्ती पर ग्रीस के विशेषज्ञों ने भारत को चेतावनी दी थी। यूनानी विशेषज्ञों ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब ऐसी खबरें आई हैं कि पाकिस्तान परमाणु बम और मिसाइल तकनीक को तुर्की को ट्रांसफर कर रहा है। इस खबर के बाद से पूरी दुनिया हिली हुई है। 'भारत में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा' विशेषज्ञों ने कहा कि पाकिस्तान और तुर्की के बीच इस दोस्ती से ग्रीस और भारत में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा पैदा हो गया है। ग्रीस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रफेसर जॉन नोमिकोस ने यहां एक वेबिनार में कहा कि तुर्की-पाकिस्तान की सांठगांठ भारत और ग्रीस के लिए बड़ा खतरा बन गई है। उन्होंने कहा कि तुर्की, पाकिस्तानी और चीनी खुफिया एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के लिए एकसाथ मिलकर काम कर रही हैं। प्रफेसर नोमिकोस ने अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन का आह्वान किया कि वह तुर्की के परमाणु हथियारसंपन्न राष्ट्र बनने के सपने पर लगाम लगाए।
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