Wednesday 31 March 2021

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पिरामिडों के देश मिस्र में पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक दुर्भाग्‍यपूर्ण हादसे हो रहे हैं। मिस्र में 26 मार्च को ट्रेन हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्‍यादा लोग घायल हो गए। इसके ठीक अगले दिन 27 मार्च को एक इमारत के गिरने से 18 लोगों की जान चली गई और 24 लोग घायल हो गए। इन हादसों से अभी मिस्र उबरा नहीं था कि स्‍वेज नहर में विशालकाय मालवाहक जहाज फंस गया। एक के बाद एक हो रहे इन हादसों पर ट्टिवटर पर लोग सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि मिस्र को सबसे ताकतवर राजा फिरौन का श्राप लगा है। उनका कहना है कि मिस्र में ये हादसे ऐसे समय पर हो रहे हैं जब प्रशासन आगामी तीन अप्रैल को 22 शाही ममी को राजधानी काहिरा के एक चर्चित म्‍यूजियम में स्‍थानांतरित करने की योजना बना रहा है। आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला और राजा फिरौन का श्राप....

स्‍वेज नहर में जाम, ट्रेन दुर्घटना...मिस्र में एक के बाद एक कई हादसों से सोशल मीडिया में अटकलों का बाजार गरम हो गया है कि क्‍या इस देश को उसके सबसे ताकतवर प्राचीन बादशाह फिरौन का श्राप लगा है?


Suez Canal Pharaoh Curse: स्‍वेज में जाम, ट्रेन हादसा...क्‍या शाही ममी को हटाने पर मिस्र को लगा राजा फिरौन का प्राचीन श्राप?

पिरामिडों के देश मिस्र में पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक दुर्भाग्‍यपूर्ण हादसे हो रहे हैं। मिस्र में 26 मार्च को ट्रेन हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्‍यादा लोग घायल हो गए। इसके ठीक अगले दिन 27 मार्च को एक इमारत के गिरने से 18 लोगों की जान चली गई और 24 लोग घायल हो गए। इन हादसों से अभी मिस्र उबरा नहीं था कि स्‍वेज नहर में विशालकाय मालवाहक जहाज फंस गया। एक के बाद एक हो रहे इन हादसों पर ट्टिवटर पर लोग सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि मिस्र को सबसे ताकतवर राजा फिरौन का श्राप लगा है। उनका कहना है कि मिस्र में ये हादसे ऐसे समय पर हो रहे हैं जब प्रशासन आगामी तीन अप्रैल को 22 शाही ममी को राजधानी काहिरा के एक चर्चित म्‍यूजियम में स्‍थानांतरित करने की योजना बना रहा है। आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला और राजा फिरौन का श्राप....



​मिस्र में निकलेगी ममी की शाही परेड, सता रहा डर
​मिस्र में निकलेगी ममी की शाही परेड, सता रहा डर

मिस्र में आगामी 3 अप्रैल को एक रॉयल परेड आयोजित की जाएगी और कई प्राचीन ममी को तहरीर स्‍क्‍वायर पर स्थित नैशनल म्‍यूजियम से काहिरा में स्थित नैशनल म्‍यूजियम में भेजा जाएगा। इन ममियों में राजा रामसेस द्वितीय, सेती प्रथम, रानी हटशेपसूट आदि शामिल हैं। मिस्र सरकार का कहना है कि काहिरा के म्‍यूजियम में सारी ममी को एक साथ रखने से पर्यटक उन्‍हें एक ही जगह देख सकते हैं। साथ ही पैसे के संकट से जूझ रही सरकार को उम्‍मीद है कि पर्यटक बड़ पैमाने पर आएंगे और इससे कोरोना काल में उसकी आय में वृद्धि होगी। उधर, मिस्र में लगातार हो रहे हादसों के बीच ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि इन घटनाओं के पीछे राजा फराओ का श्राप लगा है। उनका कहना है कि मिस्र के ममी के शाही परेड से ठीक पहले इतनी घटनाओं ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं। साद अबेदीन लिखते हैं, 'इन सबको देखने के बाद लगता है कि फराओ का श्राप वास्‍तविक है।'



​जानें क्‍या है मिस्र के प्राचीन बाहशाह फिरौन का श्राप
​जानें क्‍या है मिस्र के प्राचीन बाहशाह फिरौन का श्राप

डेली मेल के मुताबिक इस प्राचीन श्राप में कहा गया था कि जो व्‍यक्ति राजा फराओ की शांति में खलल डालेगा, उसके पास मौत बहुत तेजी से आएगी। ट्विटर यूजर फ्रेडी बेंजामिन कहते हैं, 'फिरौन के श्राप या ममी के श्राप में कहा गया है कि यह उसे लगेगा जो प्राचीन मिस्र के ममियों खासतौर पर फिरौन की ममी की शांति को भंग करेगा। यह श्राप चोरों और पुरातत्‍वविदों में कोई भेद नहीं करता है और दावा किया जाता है कि इससे लोगों का भाग्‍य बिगड़ जाता है, उन्‍हें बीमारी होती है या उनकी मौत हो जाती है।' शरीफ अहमद ने लिखा कि मिस्र के प्रसिद्ध देवता होरुस ने कहा था कि उन्‍होंने मिस्र के राजाओं और रानियों की आत्‍मा से संपर्क किया है और उन्‍होंने आश्‍वासन दिया है कि यह उनका काम नहीं है। इन घटनाओं के पीछे उन देशों और समूहों का हाथ है जो मिस्र से घृणा करते हैं। इस तरह ट्विटर पर मिस्र के श्राप को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं।



​मिस्र के पुरातत्‍वविदों ने खारिज किया श्राप का दावा
​मिस्र के पुरातत्‍वविदों ने खारिज किया श्राप का दावा

इस बीच पुरातत्‍वविदों ने ट्विटर पर चल रहे दावों को खारिज कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि मिस्र में हो रही इस तरह की घटनाएं केवल एक संयोग मात्र हैं। मिस्र के पूर्व मंत्री अल नाहर ने कहा कि ममी के एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाने का इन हादसों से कोई संबंध नहीं है। चर्चित पुरातत्‍वविदों ने श्राप के दावे को आधारहीन बताया है और कहा कि इन ममी को दूसरी जगह भेजे जाने से उनका सम्‍मान ही बढ़ेगा। बता दें कि फिरौन मिस्र का सबसे ताकतवर बादशाह था, जिसने 16वीं शताब्दी ईसा पूर्व में शासन किया था। कहा जाता है कि विदेशी आक्रमणकारी हक्सोस राजवंश के साथ लड़ाई में पकड़े जाने के बाद फिरौन को मौत के घाट उतार दिया गया था। तब से फिरौन को ममी बनाकर थेब्स में नेक्रोपोलिस के भीतर दफना दिया गया था। इस ममी की खोज 1881 में की गई थी। तब यह पता नहीं चल सका था कि उनके शरीर पर कई जानलेवा चोट के निशान थे। अब जब उनके सिर का सीटी स्कैन किया गया है तो वैज्ञानिकों को कई गंभीर घाव के निशान दिखाई दिए हैं।



​राजा फिरौन की मौत एक बार फिर से विवादों में घिरी
​राजा फिरौन की मौत एक बार फिर से विवादों में घिरी

राजा फिरौन की मौत एक बार फिर से विवादों में घिर गई है। वैज्ञानिकों का दावा है कि फिरौन के सिर पर लगी चोटों को जानबूझकर छिपाया गया था। यह भी पता लगा है कि मरने के समय फिरौन के हाथ को उनकी पीठ के पीछे करके बांधा गया था। इस रिसर्च टीम के प्रमुख काहिरा यूनिवर्सिटी के सलारामोलॉजिस्ट सहर सलीम ने कहा कि इससे पता चलता है कि फिरौन वास्तव में मिस्र को आजाद कराने के लिए अपने सैनिकों के साथ अग्रिम पंक्ति में थे। शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया है कि फिरौन को कई अलग-अलग हथियारों के जरिए एक से ज्यादा हमलावरों ने मारा था। क्योंकि, उनके शरीर पर पांच अलग-अलग तरह के हथियारों से बने चोट के निशान मिले हैं। दावा किया गया है कि अगर एक हमलावर ने मारा होता तो वह अलग-अलग ऐंगल से एक ही हथियार का प्रयोग किया होता, लेकिन इसमें चोट के निशान बताते हैं कि हथियार एक से ज्यादा थे।





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