वॉशिंगटन मंगल ग्रह पर शहर बसाने के मिशन में लगे अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के बारे में एक किताब में सनसनीखेज दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि अपने शुरुआती दिनों में स्पेस एक्स कंपनी के इंजीनियर प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप ओमेलेक पर रहते थे। ओमेलेक पर अक्सर खाना खत्म हो जाता था। इसी द्वीप पर इंजीनियर लॉन्चपैड और फॉल्कन 1 रॉकेट के लिए सेटअप बना रहे थे। आर्स टेक्निका के स्पेस एडिटर एरिक बर्गर ने अपनी किताब 'लिफ्ट ऑफ' एलन मस्क की कंपनी के शुरुआती दिनों के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि मस्क की कंपनी शुरुआत कई कहानियों से भरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में एक बार ऐसी स्थिति हो गई थी कि ओमेलेक द्वीप पर कर्मचारियों के लिए खाना खत्म हो गया था और वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे। इन कर्मचारियों ने विद्रोह कर दिया था। 'कर्मचारियों को बिना खाने के ही रहना पड़ता था' स्पेसएक्स के इंजीनियर ओमेलेक द्वीप पर रहते थे और वहीं पर काम करते थे। यह द्वीप मार्शल आईलैंड का हिस्सा है। दरअसल, अमेरिकी वायुसेना से बचने के लिए एलन मस्क इस द्वीप पर आए थे। अमेरिकी वायुसेना ने कैलिफोर्निया से लॉन्च करने के कंपनी के प्रयासों में अनिश्चित काल के लिए देरी कर दी थी। इस बीच मस्क की अमेरिकी सेना के साथ बनती थी और यह द्वीप अमेरिकी सेना के नियंत्रण में था। भूमध्य रेखा पर होने की वजह से यह द्वीप सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए उपयुक्त जगह था। बर्गर अपनी किताब में कहते हैं कि द्वीप पर काम करने के पहले साल में सामानों की आवाजाही बहुत खराब थी। अक्सर सप्लाइ रुक जाती थी जिससे कर्मचारियों को बिना खाने के ही रहना पड़ता था। बर्गर ने कहा कि वर्ष 2005 में एक बार ऐसा समय आया जब कर्मचारियों ने विद्रोह कर दिया। कर्मचारी हड़ताल पर चले गए ताकि कंपनी को आपातकालीन आपूर्ति के लिए मजबूर किया जा सके। 'रात को हेलिकॉप्टर से चिकेन और सिगरेट भेजना पड़ा' मस्क ने वर्ष 2002 में स्पेसएक्स की स्थापना की थी और दावा किया था कि अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च को सस्ता करेंगे। एक कर्मचारी ने बताया कि द्वीप पर फंसे कर्मचारी उस समय खुद को गुलाम की तरह से महसूस कर रहे थे। उन्हें लग रहा था कि उनकी सारी शक्तियां ले ली गई हैं। विद्रोह के दिन स्पेसएक्स के मैनेजरों ने इंजीनियरों को डाटा था। इंजीनियर तेजी से काम कर रहे थे लेकिन खाने और सिगरेट की सप्लाइ नहीं आने से भड़क गए। इसके बाद कंपनी को मजबूर होकर रात को हेलिकॉप्टर से चिकेन और सिगरेट भेजना पड़ा तब जाकर कर्मचारी काम पर लौटे।
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