
पेइचिंग प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का यह बयान कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बदलने का प्रयास किया 'पूरी तरह से तथ्यों से परे' है। यह बात गुरुवार को चीन की सेना ने कही। जनरल रावत ने कहा था कि उत्तरी सीमा पर यथास्थिति बदलने से रोकने के लिए भारत पूरी दृढ़ता से खड़ा है और देश ने साबित किया है कि वह किसी दबाव में पीछे नहीं हटेगा। इसके बाद चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान सामने आया है। जनरल रावत ने 15 अप्रैल को नयी दिल्ली में रायसीना डायलॉग में कहा था, 'उन्होंने कोशिश की कि बिना बल का इस्तेमाल किए बाधा डालने वाली प्रौद्योगिकी के माध्यम से वे यथास्थिति बदल देंगे... उन्होंने सोचा कि एक देश के तौर पर भारत उस दबाव में झुक जाएगा जो वे अपनी प्रौद्योगिकी दक्षता के मार्फत डाल रहे थे।' उन्होंने डिजिटल सम्मेलन में कहा था, 'लेकिन मेरा मानना है कि उत्तरी सीमा पर भारत पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा रहा और हमने साबित किया है कि हम पीछे नहीं हटेंगे।' जनरल रावत के बयान पर जब चीन से जवाब मांगा गया तो चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने इसे 'खारिज' कर दिया। यह जानकारी चीन की सेना की आधिकारिक वेबसाइट ने दी। खबर में बताया गया, 'वरिष्ठ कर्नल वू ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में 29 अप्रैल को कहा कि भारतीय पक्ष का बयान तथ्यों से परे है।' उन्होंने कहा, 'चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से में स्थिति के बारे में चीन ने विस्तार से बता दिया है और जिम्मेदारी चीन की नहीं है।' वू ने कहा, 'भारत और चीन के संयुक्त प्रयास से सीमा पर तैनात सुरक्षा बल हाल में गलवान घाटी और पैंगोंग झील इलाके में पीछे चले गए हैं और पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में स्थिति में सुधार आया है।' वू ने कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन का रूख स्पष्ट और सतत है।
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