
पेइचिंग चीन के प्रशासन ने देश की लगातार बूढ़ी होती आबादी से परेशान होकर अब नागरिकों को तीन बच्चों को पैदा करने की अनुमति दे दी है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि देश की बूढ़ी आबादी को देखते हुए बच्चे पैदा करने के नियम में ढील दी गई है। इस ऐतिहासिक फैसले को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया। सिन्हुआ ने बताया कि शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो की बैठक में यह फैसला लिया गया। दरअसल, चीन की आबादी 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है। 2019 में आबादी 1.4 अरब थी। हालांकि इसके अगले साल की शुरुआत से घटने का अनुमान है। चीन की सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी की गई सातवीं राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के अनुसार, चीन के सभी 31 प्रांत, स्वायत्त क्षेत्र और नगरपालिका की आबादी 1.41178 अरब थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के अनुसार, नई जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन जिस संकट का सामना कर रहा था, उसके और गहराने की उम्मीद है, क्योंकि देश में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है। एनबीएस ने एक बयान में कहा कि जनसंख्या औसत आयु बढ़ने से दीर्घकालिक संतुलित विकास पर दबाव बढ़ेगा। देश में 89.4 करोड़ लोगों की उम्र 15 से 59 वर्ष के बीच है, जो कि 2010 की तुलना में 6.79 प्रतिशत कम है। चीन के नेताओं ने जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए 1980 से जन्म संबंधी सीमाएं लागू की थीं, लेकिन अब उन्हें इस बात की चिंता है कि देश में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से कम हो रही है और इसके कारण समृद्ध अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयास बाधित हो रहे हैं। चीन में जन्म संबंधी सीमाओं में ढील दे दी गई है, लेकिन दंपती महंगाई, छोटे आवास और मांओं के साथ नौकरी में होने वाले भेदभाव के कारण बच्चों को जन्म देने से कतराते हैं।
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