Tuesday 29 June 2021

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मॉस्को रूस के दो-दो कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के बावजूद संक्रमण की रफ्तार और मौत की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन तो दुनिया के 67 देशों को सप्लाई की जा रही है, जिसमें भारत भी शामिल है। वहीं, उसके खुद के देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के संक्रमण से 652 लोगों की मौत हुई है। पिछले गुरुवार से रूस में हर दिन 20 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, रोज औसतन 600 लोगों की मौत भी हो रही है। रूस में 14 फीसदी लोगों को ही मिला वैक्सीन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक-वी को बनाने का दावा किया था। इसके बाद अक्टूबर में पुतिन ने दूसरी कोरोना वैक्सीन ‘EpiVacCorona’ को शुरुआती ट्रायल के बाद मंजूरी दी थी। उन्होंने तब बताया था कि इसके ट्रायल के दौरान उनकी एक बेटी को भी वैक्सीन की डोज लगाई गई थी। सबसे पहले ऐलान करने के बावजूद अभी तक रूस में केवल 14 फीसदी आबादी को ही कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई गई है। रूस में कोरोना से 55 लाख लोग संक्रमित रूसी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, देश में अबतक इस महामारी के 55 लाख मामलों की पुष्टि की है, जबकि मृतकों की संख्या 1,34,545 है। रूसी अधिकारियों ने जून की शुरुआत में कोरोना संक्रमण में वृद्धि के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के प्रति रूसी लोगों के ढीले रवैये, अधिक संक्रामक स्वरूपों के बढ़ते प्रसार और टीकाकरण की कम दर को जिम्मेदार ठहराया है। स्पूतनिक वी वैक्सीन के बारे में जानिए स्पूतनिक वी वैक्सीन को मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है। रूस की वैक्सीन सामान्य सर्दी जुखाम पैदा करने वाले adenovirus पर आधारित है। इस वैक्सीन को आर्टिफिशल तरीके से बनाया गया है। यह कोरोना वायरस SARS-CoV-2 में पाए जाने वाले स्ट्रक्चरल प्रोटीन की नकल करती है जिससे शरीर में ठीक वैसा इम्यून रिस्पॉन्स पैदा होता है जो कोरोना वायरस इन्फेक्शन से पैदा होता है। यानी कि एक तरीके से इंसान का शरीर ठीक उसी तरीके से प्रतिक्रिया देता है जैसी प्रतिक्रिया वह कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने पर देता लेकिन इसमें उसे COVID-19 के जानलेवा नतीजे नहीं भुगतने पड़ते हैं। पेप्टाइड आधारित है रूस की दूसरी कोरोना वैक्सीन दूसरी कोरोना वायरस वैक्‍सीन ‘EpiVacCorona’ को साइबेरियन बॉयोटेक कंपनी ने विकसित किया है। पेप्टाइड आधारित यह वैक्‍सीन कोरोना से बचाव के लिए दो बार देनी होगी। इसे साइबेरिया में स्थित वेक्‍टर इंस्‍टीट्यूट ने बनाया है। मॉस्को टाइम्स के अनुसार, रूस की डेप्‍युटी पीएम ततयाना गोलिकोवा और उपभोक्‍ता सुरक्षा निगरानी संस्‍था की चीफ अन्‍ना पोपोवा को भी यह वैक्‍सीन लगाई गई थी।


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