ब्यूनस आयर्स चिली के दक्षिणी हिस्से में स्थित पहाड़ों में मिले मगरमच्छ के 15 करोड़ साल पुराने जीवाश्म कंकाल को आखिरकार पहचान लिया है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह कंकाल आधुनिक मगरमच्छ के पूर्वजों का है। अर्जेंटीना प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय ने शुक्रवार को ऐलान किया कि इस जीवाश्म को लेकर आगे का अध्ययन अभी जारी है। खोजा गया जीवाश्म कंकाल मगरमच्छ की बर्केसुचस मॉलिंगग्रैंडेंसिस प्रजाति का है। 2014 से किया जा रहा था अध्ययन इस जीवाश्म कंकाल को अर्जेंटीना और चिली के शोधकर्ताओं ने साल 2014 में मैलिन ग्रांडे के पैटागोनियन शहर के पास एक एंडियन फॉसिल डिपॉजिट में खोजा था। तब से ब्यूनस आयर्स में स्थित अर्जेंटाइन म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंसेज (MACN) में इसका विश्लेषण किया जा रहा था। संग्रहालय ने कहा कि नमूना वर्तमान मगरमच्छों के दादा का है। मगरमच्छों के विकास को समझने में मिलेगी मदद इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि मगरमच्छ विकसित कैसे हुए। वैज्ञानिकों का मानना है कि जीवाश्म उन्हें यह समझने में मदद करेगा कि ये सरीसृप स्थलीय से जलीय कैसे हो गए। दूसरे अन्य जीवाश्मों के मिलने से यह खोज पुरानी धारणा का समर्थन करती है कि दक्षिण अमेरिका मगरमच्छों के विकास का उद्गम स्थल था। दक्षिणी अमेरिका समुद्री मगरमच्छ के जीवाश्मों के मामले में सबसे धनी है। पहले पानी में नहीं रहते थे मगरमच्छ इस जीवाश्म की खोज करने वाले फेडेरिको एग्नोलिन ने कहा कि लगभग 200 मिलियन वर्ष पहले मगरमच्छ छोटे थे, और पानी में नहीं रहते थे। पेलियोन्टोलॉजिस्ट हमेशा यह जानना चाहते थे कि उन्होंने कैसे अपने आप को पानी में रहने लायक बनाया। एग्नोलिन ने कहा कि बर्केसुचस मॉलिंगग्रैंडेंसिस प्रजाति के जीवाश्म हमें जो बता रहे हैं वह अद्वितीय लक्षणों की एक श्रृंखला है। ये पहले मगरमच्छ, जिन्होंने पानी में रहना शुरू किया उन्होंने कहा कि ऐसा किसी अन्य मगमच्छ के जीवाश्म में हमें नहीं मिल सकता है। क्योंकि, ये पहले ऐसे मगरमच्छ थे जिन्होंने पानी या ताजे पानी में उतरना शुरू किया था। इसके बाद ही मगरमच्छों की दूसरी प्रजातियों ने जमीन को छोड़कर पानी को अपना ठिकाना बनाया था। MACN के अनुसार, मगरमच्छ जुरासिक काल की शुरुआत में पहले डायनासोर के समय के आसपास से दिखाई दे रहे हैं।
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