तेल अवीव आज पूरा भारत कारगिल विजय दिवस के जश्न में डूबा है। साल 1999 में आज के ही दिन भारतीय सेना ने कारगिल-द्रास सेक्टर में छिपे बैठे पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया था। इस दौरान भारतीय सेना के रणबांकुरों ने अपने से अधिक ऊंचाई पर बैठे पाकिस्तानी सेना के जवानों को न केवल सीधी लड़ाई में हराया, बल्कि उनकी करतूतों की पोल पूरी दुनिया के सामने खोली। कारगिल की लड़ाई में भारत को सबसे ज्यादा मदद किसी देश से मिली थी तो वह इजरायल था। 22 साल बाद इजरायल ने किया खुलासा 22 साल बाद इजरायल ने खुलकर यह बताया है कि कारगिल युद्ध में उसने भारत की किस तरह से मदद की थी। भारत में स्थित इजरायली दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि जंग के दौरान इजरायल ने भारत को मोर्टार और गोला-बारूद देकर सहायता की थी। इजरायल ने कहा कि वह उन चुनिंदा देशों में से एक था जिसने कारगिल युद्ध के दौरान भारत की प्रत्यक्ष रूप से मदद की थी। भारत को लेजर गाइडेड बम और ड्रोन दिया इजरायली दूतावास ने बताया कि इस युद्ध के दौरान उसने भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के लिए लेजर गाइडेड मिसाइलें प्रदान की थी। उसने बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबावों के बावजूद इजरायल ने कारगिल में घुसपैठ के पहले ऑर्डर दिए गए हथियारों की शिपमेंट को जल्द से जल्द भारत को सौंपा था। इसमें इजरायल के हेरोन अनमैंड एरियल वीकल (यूएवी) की डिलीवरी भी शामिल है। संकट मोचक बनकर उभरा था इजरायल कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल भारत के लिए संकट मोचक बनकर सहायता की थी। इस युद्ध के दौरान भारत को अपनी कई ऐसी खामियों के बारे में पता चला, जिसका तुरंत समाधान नहीं किया जा सकता था। भारत के पास उस समय दुश्मनों के बंकरों पर सटीक निशाना लगाने वाले न तो बम थे और न ही उनके पोस्ट की जासूसी करने वाले टोही विमान। ऐसे में भारतीय सेना केवल ग्राउंड इंटेलिजेंस के भरोसे ही पाकिस्तानी सेना से युद्ध लड़ रही थी। इजरायल ने खुलकर दिया था भारत का साथ इस बीच इजरायल ने भारत को तुरंत हथियार और गोला-बारूद के जरिए मदद करने का ऐलान कर दिया। दोनों देशों के बीच आनन-फानन में नए हथियारों की खरीद का समझौता हुआ। इस समझौते के तहत इजरायल ने उस समय सबसे उन्नत तकनीकी से लैस अपने हेरोन ड्रोन को भारत को सौंपा था। इतना ही नहीं, इस ड्रोन को ऑपरेट करने के लिए इजरायल ने भारतीय कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया। इजरायली लेजर गाइडेड बमों ने पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना पहाड़ियों के ऊपर मजबूत बंकरों में छिपी बैठी थी। इन बंकरों की सुरक्षा दीवार इतनी मजबूत थी कि भारतीय सेना किसी भी तरह से नीचे से इन्हें तोड़ नहीं पा रही थी। दूसरा, भारतीय वायु सेना के पास उस समय कोई ऐसा बम भी नहीं था, जो दूर से पाकिस्तानी सेना के इन बंकरों पर एकदम सटीकता से निशाना लगा सके। ऐसे में इजरायल ने भारत को लेजर गाइ़डेड बम मुहैया करवाए। इन बमों को मिराज 2000 लड़ाकू विमानों पर फिट किया गया। जिन्होंने एक के बार एक कई पाकिस्तानी बंकरों को बर्बाद कर दिया।
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