काठमांडू नेपाल में केपी शर्मा ओली को सत्ता से हटाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले की पार्टी देउबा सरकार में शामिल हो गई है। रविवार को विश्वासमत में साथ देने के बाद प्रचंड अपनी पार्टी के नेताओं को नेपाली कैबिनेट में जगह दिलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के साथ सरकार के बाकी बचे डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा की। मंत्रिमंडल विस्तार पर दोनों नेताओं में हुई बात! हिमालयन टाइम्स ने अपनी खबर में बताया है कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी- माओवादी सेंटर (सीपीएन- एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड ने प्रधानमंत्री देउबा से मुलाकात की। इस मुलाकात से आने वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर के और सदस्यों को शामिल करने को लेकर भी बात होने की संभावना है। ओली के विरोधी सभी दल देउबा सरकार के साथ खबर में दहल के निजी सहयोगी विष्णु सप्कोता के हवाले से बताया गया कि दोनों वरिष्ठ नेता पांच दलों के गठबंधन के लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने पर सहमत हुए हैं। खबर के मुताबिक गठबंधन में साझेदार जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) भी सरकार में शामिल होगी। दहल और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के सह अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने सीपीएन-यूएमएल नेता माधव कुमार नेपाल से भी मुलाकात की है। यूएमएल के माधव कुमार नेपाल गुट के नेताओं, सीपीएन-एमसी और जेएसपी-एन ने देउबा के समर्थन में मतदान किया था। कैबिनेट में पद को लेकर पार्टियों में खींचतान काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री 75 वर्षीय देउबा अपनी सरकार में गठबंधन के सभी घटकों का प्रतिनिधित्व चाहते हैं। पोस्ट को नेपाली कांग्रेस के महासचिव पूर्ण बहादुर खडका ने बताया कि उन सभी पार्टियों से चर्चा चल रही है जिन्होंने हमारा समर्थन किया है। हालांकि, सभी पार्टियों की अपनी-अपनी चुनौतियां हैं और ऐसे में देउबा की नेपाली कांग्रेस अपवाद नहीं है। उपप्रधानमंत्री पद को लेकर नेपाली कांग्रेस में ही छिड़ी जंग खबर के मुताबिक, पार्टी में राम चंद्र पौडेल की नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट ने कम से कम एक उप प्रधानमंत्री पद की मांग की है। इस पद के लिए पार्टी महासचिव शशांक कोइराला, पूर्व उप राष्ट्रपति प्रकाश मान सिंह और वरिष्ठ नेता सुजाता कोइराला का नाम आगे किया गया है। नेपाली कांग्रेस के एक नेता और देउबा के करीबी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि देउबा ने स्पष्ट कर दिया है कि उप प्रधानमंत्री का पद संभव नहीं है और पौडेल गुट को मंत्रिमंडल में केवल दो पद मिलेंगे। मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की एक अहम वजह नेपाली कांग्रेस के भीतर हो रही खींचतान भी है। ओली सरकार में की गई राजनीतिक नियुक्तियां होंगी रद्द उन्होंने बताया कि देउबा ने पूर्व पार्टी महासचिव कृष्ण प्रसाद सीतौला के नेतृत्व वाले अन्य गुट को भी मंत्रिमंडल में एक स्थान देने का भरोसा दिया है। नेपाली संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में अधिकतम 25 मंत्री हो सकते हैं। खबर के मुताबिक देउबा और दहल के मध्य पूर्ववर्ती केपी शर्मा ओली सरकार द्वारा की गई सभी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द करने पर भी सहमति बनी है। इसमें कहा गया कि सरकार पहले ही ओली सरकार के, कुछ देशों में राजदूत नियुक्त करने के नवीनतम फैसले को रद्द कर चुकी है। 12 जुलाई को नेपाल के पीएम बने थे देउबा गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से संसद बहाल की गई जिसके बाद देउबा 12 जुलाई को पांचवी बार प्रधानमंत्री बने और उन्हें 275 सदस्यीय सदन में 165 सदस्यों का समर्थन हासिल हुआ। इससे पहले देउबा ने 1995 से 1997, 2001 से 2002, 2004 से 2005 और 2017 से 2018 तक प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी। देउबा अगले डेढ साल तक इस पद पर रहेंगे क्योंकि मौजूदा संसद का कार्यकाल डेढ़ साल ही शेष है।
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