पेइचिंग अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान की बढ़ती ताकत से चीन भी डर हुआ है। चीन को डर है कि अफगानिस्तान से लगने वाली शिनजियांग प्रांत के इस्लामी आतंकी इस मौके का फायदा उठाकर हमले कर सकते हैं। कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि शिनजियांग में सक्रिय ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकवादी बड़ी संख्या में चीन बॉर्डर से 90 किलोमीटर की दूरी पर इकट्ठा हुए हैं। इस कारण चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में अपनी भूमिका को बढ़ाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि चीन, अफगानिस्तान में कुछ स्थानीय आतंकवादी गुटों को फंडिंग कर सकता है। अफगानिस्तान में भूमिका पर विचार कर रहे चीन-पाक चीन ने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करेगा। चीन को अफगान सरकार और तालिबान के बीच जारी बातचीत के विफल होने से और ज्यादा डर सता रहा है। चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को चीन में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ बैठक में अफगानिस्तान में दोनों देशों की भूमिका बढ़ाने के बारे में बात की। हालांकि, चीन ने यह नहीं बताया है कि क्या वह पाकिस्तान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। अफगानिस्तान में दखल बढ़ाएंगे दोनों देश वांग यी ने कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात से चीन और पाकिस्तान सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। कुरैशी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और अफगानिस्तान में पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए एकजुटता प्रकट की है। वांग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान अफगानिस्तान में गृहयुद्ध को रोकने के प्रयास में शांति की खोज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चीन और पाकिस्तान अफगानों के बीच में बातचीत की मध्यस्थता की भी पेशकश करेंगे। आतंकवाद का मुकाबला करेंगे चीन-पाकिस्तान दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से बताया कि चीन और पाकिस्तान साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करेंगे। वे अफगानिस्तान में सभी प्रमुख ताकतों (तालिबान) को आतंकवाद के साथ एक स्पष्ट रेखा खींचने के लिए प्रेरित करेंगे। ये दोनों देश (ETIM) जैसे आतंकवादी ताकतों पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे और अफगानिस्तान को फिर से आतंकियों का पनाहगाह बनने से रोकेंगे। शिनजियांग के आतंकी अफगानिस्तान से पाकिस्तान भागे चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कुछ विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि अफगानिस्तान में बदलते माहौल के कारण शिनजियांग में सक्रिय पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकवादी पाकिस्तान भाग गए होंगे। दावा किया जा रहा है कि ईटीआईएम के आतंकवादी पाकिस्तान में चीन पर हमला करने के लिए पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) के साथ सहयोग किया था। सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर अफगानिस्तान में स्थिति और बिगड़ती है, तो पाकिस्तान के साथ-साथ चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को भी खतरा होगा। चीन ने 90 किमी दूर खड़े हैं शिनजियांग के 'आतंकी' तालिबान ने ईरान, पाकिस्तान और चीन के सीमा बिंदुओं पर कब्जा कर लिया है। ऐसी खबरें हैं कि अलगाववादी समूह ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के आतंकवादी बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के बडाकख्शान प्रांत में एकत्रित हो गए हैं। इस प्रांत की सीमा का 90 किमी का हिस्सा चीन के शिनजियांग प्रांत से लगता है। शिनजियांग प्रांत की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और ताजिकिस्तान से भी लगती है। चीन को मित्र देश मानता है तालिबान हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था कि वे चीन को ‘मित्र’ की तरह देखते हैं और शिनजियांग प्रांत के उईगर अलगाववादी लड़ाकों को अफगानिस्तान से गतिविधियां करने की इजाजत नहीं देंगे। लेकिन पर्यवेक्षकों का मानना है कि तालिबान को लेकर चीन का संशय बना हुआ है।
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