Friday, 16 July 2021

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ऐस्टरॉइड्स का धरती की ओर आना कोई नई घटना नहीं बल्कि एक नई स्टडी में पाया गया है कि प्राचीन धरती पर शहरों के बराबर ऐस्टरॉइड टकराते रहते थे और इनकी संख्या पहले के आकलन से कहीं ज्यादा पाई गई है। इस स्टडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि हर 1.5 करोड़ साल पर हमारी धरती पर विशाल चट्टान आ गिरती थी। यह रिसर्च गोल्डश्मिट जियोकेमिस्ट्री कॉन्फ्रेंस में सामने रखी गई। इसके नतीजों से उस थिअरी पर और ज्यादा रिसर्च की अहमियत पता चलती है जिसके मुताबिक धरती पर जीवन के विकास के लिए ऐस्टरॉइड्स की भूमिका मानी जाती है।

Spherules के आधार पर यह कहा जा सकता है कि धरती पर टकराने वाले ऐस्टरॉइड्स का पता लगाने वाले मॉडल अभी हम बहुत कम संख्या दे रहे हैं। यह असल में 10 गुना ज्यादा हो सकता है।


Asteroid Impact on Earth: 2.5 अरब साल पहले तक धरती पर बरसते रहते थे शहरों के बराबर ऐस्टरॉइड, 10 गुना ज्यादा थी संख्या

ऐस्टरॉइड्स का धरती की ओर आना कोई नई घटना नहीं बल्कि एक नई स्टडी में पाया गया है कि प्राचीन धरती पर शहरों के बराबर ऐस्टरॉइड टकराते रहते थे और इनकी संख्या पहले के आकलन से कहीं ज्यादा पाई गई है। इस स्टडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि हर 1.5 करोड़ साल पर हमारी धरती पर विशाल चट्टान आ गिरती थी। यह रिसर्च गोल्डश्मिट जियोकेमिस्ट्री कॉन्फ्रेंस में सामने रखी गई। इसके नतीजों से उस थिअरी पर और ज्यादा रिसर्च की अहमियत पता चलती है जिसके मुताबिक धरती पर जीवन के विकास के लिए ऐस्टरॉइड्स की भूमिका मानी जाती है।



चट्टानों में मिले सबूत
चट्टानों में मिले सबूत

इस स्टडी के मुताबिक ऐसा सिलसिला अब से 2.5-3.5 अरब साल पहले तक चला करता था। इस दौरान धरती की सतह पर जो बदलाव होते थे, उनके बारे में सबूत आज चट्टानों की दरारों में मिलते हैं। बोल्डर, कोलराडो के दक्षिणपश्चिमी रिसर्च इंस्टिट्यूट में प्रिंसिपल साइंटिस्ट सिमोन मार्ची और उनके साथियों ने चट्टानों में Spherules को स्टडी किया। ये वाष्पित चट्टान के बुलबुले होते हैं जो ऐस्टरॉइड की टक्कर पर स्पेस तक उछल जाया करते थे। वहां जमने के बाद धरती पर लौटते थे। आज इन्हें बेडरॉक में एक परत के रूप में देखा जा सकता है। टीम ने ऐस्टरॉइड इंपैक्ट के असर को समझने के लिए मॉडल तैयार किए और इसे Spherules के बनने से जोड़ा। यह भी देखा गया कि ये दुनिया में कहां-कहां पाए गए हैं।



कहीं ज्यादा थी ऐस्टरॉइड्स की संख्या
कहीं ज्यादा थी ऐस्टरॉइड्स की संख्या

स्टडीज के मुताबिक कोई ऐस्टरॉइड जितना बड़ा होता है, उसकी टक्कर से पैदा हुए Spherules उसी तरह मोटी परत बनाते हैं लेकिन जब रिसर्चर्स ने बेडरॉक की अलग-अलग परतों में इनकी मात्रा को देखा और उसे अभी तक जानी गईं ऐस्टरॉइड्स की घटनाओं से मैच किया तो पाया कि दोनों में काफी अंतर था। मार्ची ने बताया कि Spherules के आधार पर यह कहा जा सकता है कि धरती पर टकराने वाले ऐस्टरॉइड्स का पता लगाने वाले मॉडल अभी हम बहुत कम संख्या दे रहे हैं। यह असल में 10 गुना ज्यादा हो सकता है।



ऑक्सिजन के स्तर में आया फर्क
ऑक्सिजन के स्तर में आया फर्क

हो सकता है कि ऐस्टरॉइड्स की टक्कर से धरती पर ऑक्सिजन के स्तर में अंतर आया हो और धरती पर जीवन का आधार पड़ा हो। धरती पर कई ऐस्टरॉइड्स के निशान क्रेटर्स की शक्ल में देखे जा सकते हैं लेकिन कई समय के साथ हल्के पड़ गए हैं। मेक्सिको के Chicxulub इंपैक्ट क्रेटर के बारे में ही 1970 के दशक में पता चल सका था और कई साल बाद यह पता चला कि डायनोसॉर इसी ऐस्टरॉइड की वजह से धरती से गायब हो गए।





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