Friday, 16 July 2021

https://ift.tt/36CAGd7

संयुक्त राष्ट्र भारत ने (यूएनएससी) में पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार की हत्या का मुद्दा उठाया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को यूएनएससी की बैठक में कहा कि भारत अफगानिस्तान में पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने सशस्त्र संघर्ष के हालात में मानवीय कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त की। तालिबान के हमलों से हुई दानिश की मौत दानिश सिद्धीकी पाकिस्तान बॉर्डर पर स्पिन बोल्डक इलाके में तालिबान और अफगान फोर्सेज के बीच हो रहे युद्ध को कवर कर रहे थे। इस दौरान उनके हम्वी पर तालिबान ने आरपीजी से कम के कम तीन बार हमला किया। बताया जा रहा है कि इन्हीं हमलों में दानिश बुरी तरह से घायल हो गए, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। तालिबान ने उनके शव को इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस को सौंप दिया है, जहां से उसे भारत लाने की तैयारी की जा रही है। 'धर्म युद्ध में नागरिकों की रक्षा की जाती है' सुरक्षा परिषद में ‘सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा: मानवीय पहल की सुरक्षा’ विषय पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि प्राचीन भारत में सशस्त्र संघर्ष के लिए धर्म-आधारित मानदंड और संघर्ष के दौरान धर्म-युद्ध में नागरिकों की रक्षा करने वाले नियम थे। नागरिकों पर हमले नहीं किए जाते थे बल्कि उनकी रक्षा की जाती थी। 'भारत ने सताए हुए लोगों को शरण दी' श्रृंगला ने कहा कि हम अफगानिस्तान के कंधार में रिपोर्टिंग असाइनमेंट पर गए भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या की निंदा करते हैं। मैं उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। श्रृंगला ने कहा कि मानवीय कानून के सिद्धांतों के लिए आधुनिक मानवीय न्यायशास्त्र के विकसित होने से बहुत पहले भारत में यह अस्तित्व में था। भारत ने धर्म या धार्मिक आचरण के मार्ग का अनुसरण किया है और सदियों से सताए हुए लोगों को शरण दी है। सशस्त्र संघर्षों होती है निर्दोषों की मौत उन्होंने कहा कि जैसा कि हम आज देखते हैं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून हालिया समय में वजूद में आए हैं। इतिहास में सभ्यताओं और संस्कृतियों ने गैर-लड़ाकों और नागरिक आबादी की सुरक्षा के लिए युद्ध के नियम विकसित किए है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के समक्ष कई तरह के मानवीय संकट हैं। श्रृंगला ने कहा कि इनमें से अधिकांश सशस्त्र संघर्षों के कारण होते हैं जो लाखों निर्दोष नागरिकों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। कोविड-19 महामारी ने इस स्थिति को और बढ़ा दिया है। 99 मानवीय कार्यकर्ताओं के मौत पर भी संवेदना जताई पिछले साल मारे गए 99 मानवीय कार्यकर्ताओं के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत मानवीय कर्मियों के खिलाफ हमलों की कड़ी निंदा करता है। श्रृंगला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना प्रमुख चुनौतियों में से एक है।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3Bb2XEC
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

https://ift.tt/36CAGd7

रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी...