तेलअवीव इजरायल के जासूसी साफ्टवेयर पेगासस पर खुलासे ने पूरी दुनिया में तहलका मचाया हुआ है। अंतरराष्ट्रीय जासूसी में 50 हजार फोन को निशाना बनाया गया। इनमें 600 से ज्यादा वरिष्ठ नेता और सैकड़ों पत्रकार शामिल हैं। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, फ्रांस और कई अन्य देशों के शीर्ष नेता शामिल हैं। इस मामले में ताजा खुलासा यह हुआ है कि इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार एनएसओ ग्रुप के जासूसी साफ्टवेयर पेगसास को बढ़ावा दे रही थी। यही नहीं भारत समेत जिन-जिन देशों में नेतन्याहू ने यात्रा की वहां-वहां इस जासूसी साफ्टवेयर का रैकेट फैलता गया। इजरायली अखबार हारित्ज के मुताबिक नेतन्याहू सरकार विदेशी सरकारों पर पेगासस साफ्टवेयर को लेने पर जोर डालती थी। यही नहीं जहां पर एनसीओ को जरा हिचकिचाहट होती थी, वहां नेतन्याहू सरकार खुद मोर्चा संभाल लेती थी। अखबार ने कई सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायली के पीएम नेतन्याहू विदेश दौरों के दौरान अपने साइबर हथियारों खासकर एनएसओ समूह का जमकर समर्थन करती थी। नेतन्याहू के साथ जाते थे एनएसओ ग्रुप के प्रतिनिधि नेतन्याहू जिन देशों में चुपके से भी जाते थे, उनके साथ एनएसओ ग्रुप के प्रतिनिधि भी गुपचुप तरीके जाते थे। नेतन्याहू के इशारे पर ही सऊदी अरब को यह घातक 'साइबर हथियार' दिया गया। एक अधिकारी ने अखबार से कहा, 'इजरायल वर्ष 2017 में मानता था कि सऊदी अरब जासूसी साफ्टवेयर की मार्केटिंग के लिए उसका रणनीतिक निशाना है।' इजरायल ने कथित रूप से सऊदी अरब को मानता था कि वह अरब जगत में एक उदारवादी ताकत है और उसके क्षेत्रीय विरोधी ईरान से तनाव को भड़काता रहता था। ईरान से इजरायल का भी तनाव है। सूत्र ने कहा, 'इस प्रॉजेक्ट में रक्षा मंत्रालय भी शामिल था। इसका मकसद सऊदी अरब को हमारी तकनीक को लेने के लिए तैयार करना था।' उन्होंने कहा कि इसी वजह से पेगासस के एनएसओ ग्रुप और सेलेब्राइट समूह को सऊदी अरब से इतना बड़ा ठेका मिला। सेलेब्राइट एक साइबर सिक्यॉरिटी हार्डवेयर निर्माता है जो फोन के सुरक्षा ढांचे को तोड़कर उसकी जानकारी निकालने के लिए चर्चित है। इस समूह को सऊदी पुलिस से कथित रूप से बड़ा ठेका मिला था। नेतन्याहू की भारत यात्रा के बाद शुरू हुआ पेगासस का इस्तेमाल एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इजरायल इस तरह के हथियारों से लैस करके सऊदी अरब और अन्य खाड़ी के धनी देशों के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाना चाहता था। इजरायल ने सउदी अधिकारियों को दिखाया कि एक नए आईफोन को बिना कुछ किए ही पेगासस के जरिए हैक किया जा सकता है। कहा जाता है कि सऊदी अरब ने एनएसओ के साफ्टवेयर को खरीदने के लिए हर साल 5 करोड़ डॉलर देने का समझौता किया था। यही नहीं नेतन्याहू साइबर सिक्यॉरिटी कंपनियों पर अपनी तकनीक के निर्यात का भी दबाव डालते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि नेतन्याहू की भारत यात्रा के बाद यहां पर भी पेगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू हुआ।
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