वॉशिंगटन के सबसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर का दूसरा समुद्री शॉक ट्रायल पूरा हो चुका है। 16 जुलाई को इस एयरक्राफ्ट कैरियर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर हजारों किलोग्राम के बम का विस्फोट किया गया। यह धमाका इतना तेज था कि एयरक्राफ्ट कैरियर पर मौजूद लोग कुछ समय तक अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके। इस दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर ने 3.9 तीव्रता के भूकंप को महसूस किया। गेराल्ड आर फोर्ड का का पहला शॉक ट्रायल 18 जून को फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक किया गया था। क्यों किया जा रहा एयरक्राफ्ट कैरियर का शॉक ट्रायल यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड का कुल तीन शॉक ट्रायल किया जाना है। इस दौरान अमेरिकी नौसेना इस एयरक्राफ्ट कैरियर के युद्धक क्षमताओं की जांच करेगी। प्रत्येक विस्फोट पहले वाले से कम दूरी पर किया जाएगा। जिसके बाद नौसैनिक पूरे एयरक्राफ्ट कैरियर के हर उपकरणों की जांच करेंगे। युद्ध के दौरान दुश्मन के हमलों से बचने के लिए ऐसे परीक्षणों का आयोजन कर अपनी ताकत की जांच की जाती है। तकनीकी कारणों से फेल रहा पहला प्रयास दूसरा शॉक ट्रायल जुलाई के पहले हफ्ते में ही आयोजित किया गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से वह फेल हो गया था। जिसके बाद दोबारा 16 जुलाई को इस परीक्षण का दोबारा आयोजन किया गया। 1 जुलाई को यूएस नेवी के इंजिनियरों ने दो बार समुद्र में विस्फोट का प्रयास किया था, लेकिन इस एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ चल रहे सहायक पोत पर तैनात एक महत्वपूर्ण उपकरण फेल हो गया था। यूएस नेवी ने जारी किया बयान नेवल सी सिस्टम्स कमांड की प्रवक्ता कैथरीन बिएनफैंग ने डिफेंस न्यूज वेबसाइट को बताया कि फोर्ड ने 1 जुलाई को 2 शॉट का प्रयास किया, लेकिन उस समय एक महत्वपूर्ण उपकरण के खराब होने के कारण हमें ट्रायल रोकना पड़ा। दूसरा प्रयास 16 जुलाई को को आयोजित किया गया। इस दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर ने अपनी आशा के अनुरूप व्यवहार किया। तीसरा शॉक ट्रायल भी जल्द होगा आयोजित यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड की प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कमांडर देसरी फ्रेम ने बताया कि जुलाई के आखिरी हफ्ते में तीसरा विस्फोट भी आयोजित किए जाने की योजना है। इससे एयरक्राफ्ट कैरियर की मजबूती का आंकलन किया जाएगा। युद्ध के मैदान में दुश्मन के हमले के दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर की यही मजबूती काम आएगी। परीक्षण के दौरान अगर कोई उपकरण खराब पाया जाता है तो उसे और मजबूत बनाकर फिर से तैनात किया जाएगा। विस्फोट से 3.9 तीव्रता का भूकंप आया स्थानीय मीडिया ने बताया कि इस विस्फोट के दौरान 3.9 तीव्रता के भूकंप को महसूस किया गया। पहले शॉक ट्रायल के दौरान भी इसी तीव्रता के भूकंप को दर्ज किया गया था। दरअसल, पानी में शक्तिशाली विस्फोट से कई मीटर ऊंची लहरें आकर कैरियर से टकराती हैं। इससे विमान को तगड़ा झटका लगता है।
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