मैड्रिड करीब 300 साल पहले स्पेन के जहाज San José धूं-धूंकर जलने लगा था। इस जहाज के नाविक घंटों ब्रिटेन के साथ जंग में फंसे थे। इसके पीछे वजह थी इसमें छिपा खजाना जिसे ब्रिटेन हासिल करना चाहता था। जहाज के तबाह होने के साथ ही 600 लोग डूब गए और साथ में डूब गया 14 अरब पाउंड की कीमत का सोना-चांदी और जेवर। डेली एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हिस्ट्री चैनल की एक डॉक्युमेंटरी में ग्लोबल एक्सप्लोरेशन्स के ट्रेजर हंटर जेरी ली कहते हैं, ‘José पनामा में था और वहां दक्षिण अमेरिका के वेस्ट कोस्ट से सोना लूट रहा था। वहां काफी वक्त तक रहा तो इसके पास दूसरे जहाजों का काफी सोना भी था। ये सभी कोलंबिया एक साथ जा रहे थे।’ San José की खोज करने वाले ओशनॉग्रफिक इंजिनियर जेफ काएली के मुताबिक यह माया साम्राज्य से काफी सोना, चांदी और पन्ना ला रहा होगा। सदियों तक यह खजाना खोया रहा लेकिन 2015 में कोलंबिया की सरकार ने समुद्री पुरातत्वविदों और वुड्स होल ओशनॉग्रफिक इंस्टिट्यूशन को इसका मलबा ढूंढने का काम सौंपा। इसी संस्थान ने टाइटैनिक का मलबा भी ढूंढा था। साल के अंत में इसका मलबा मिल गया। अब सवाल यह था कि इसके साथ डूबे खजाने का असली हकदार कौन हुआ? स्पेन का कहना है कि जहाज उसका था जबकि कोलंबिया का कहना है कि यह मिला उसके क्षेत्र में। ऐंथ्रोपॉलजी और संचार के प्रफेसर टॉक थॉम्पसन कहते हैं कि यह Incan साम्राज्य का सोना था। ट्रेजर हंटर जॉन मेटरा का कहना है कि कोलंबिया के क्षेत्र में मिलने से उसका दावा ज्यादा मजबूत हो जाता है। यह गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं सकी है। दिलचस्प बात यह है कि अभी तक खजाना मिला नहीं है और माना जाता है कि समय के साथ समुद्र के खारे पानी में सोना, चांदी और जेवर कहीं घुल न गए हों और आखिर में इतने विवाद के बाद किसी को कुछ मिले ही ना।
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