लूइजियाना धरती से डायनोसोर्स का निशान मिटाने वाले ऐस्टरॉइड के सबूत आज भी छिपे हुए हैं। एक नई स्टडी में पाया गया है कि इनके कारण कम से कम पांचवी मंजिल तक की ऊंचाई तक पानी पहुंच गया था। लूइजियाना में इन लहरों के निशान आज भी मौजूद हैं। यहां आइयट झील के 1500 मीटर नीचे कम से कम 16 मीटर ऊंचाई के ऐसे निशान हैं जो करीब 6.6 करोड़ साल पहले Cretaceous काल के हैं। यह पूरा इलाका तब पानी के नीचे था। रिसर्चर्स का कहना है कि इन लहरों का आकार और दिशा देखकर लगता है कि ये तब बने थे जब विशाल चट्टान जिसे अब Chicxulub ऐस्टरॉइड कहा जाता है, युकाटन पेनिनसुला में गिरी थी। इससे उठी सुनामी का पानी फैल गया था और समुद्र में नीचे निशान बन गए। इन महालहरों की औसतन वेवलेंथ 600 मीटर थी और ऐंप्लिट्यूड 15 मीटर जो इन्हें धरती पर मिलीं सबसे ऊंची लहर बनाता है। कैसे बनीं ये महाविशाल लहरें? स्टडी के लीड रिसर्चर गैरी किंसलैंड ने लाइव साइंस को बताया है कि इस आकार के निशान मिलने का मतलब है कि किसी विशाल चीज ने वॉटर कॉलम पर असर डाला था। इससे और भी संकेत मिलते हैं कि Cretaceous काल का अंत Chicxulub के असर से हुआ था। यह प्रॉजेक्ट तब शुरू हुआ था जब एनर्जी कॉर्पोरेशन Devon Energy ने इस झील का 3D सीस्मिक सर्वे किया। इसमें जोर की साउंड वेव्स की मदद से सर्वे किया जाता है। किसी ऑब्जेक्ट से टकराकर इन तरंगों के लौटने से यह समझा जाता है कि जमीन के नीचे जियॉलजी कैसी है और उसका मैप तैयार किया जाता है। पानी की दिशा ने बताया स्टडी के को-रिसर्चर कारे एगडल ने Devon Energy के डेटा की मदद से सीस्मिक इमेज तैयार की। किंसलैंड ने बताया कि जब कारे ने उन्हें यह इमेज दिखाई तो वह हैरान रह गए क्योंकि ऐसी तस्वीर आमतौर पर समुद्र या नदियों के नीचे नहीं दिखती हैं। किंसलैंड पहले Chicxulub क्रेटर को स्टडी कर चुके थे। उसे देखकर उन्हें उस पानी की दिशा समझ में आई जिससे लहरों के ये निशान बने थे। ये Chicxulub की ओर इशारा कर रहा था।
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