
प्राग धरती पर सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद है पानी और सबसे दुर्लभ है सोना। अब रिसर्चर्स ने पानी से ही ‘सोना’ बना डाला है। प्राग की चेक अकैडमी ऑफ साइंसेज में यह कारनामा फिजिकल केमिस्ट्स ने कर दिखाया है। उन्होंने पानी को सुनहरी, चमकीली धातु में बदल दिया और वह भी अनोखी तकनीक है। आमतौर पर किसी चीज पर बहुत ज्यादा प्रेशर डालने से वह धातु में तब्दील हो सकती है। पानी बन सकता है धातु? इनमें मौजूद ऐटम या मॉलिक्यूल इतने ज्यादा करीब आ जाते हैं कि इनके बाहरी इलेक्ट्रॉन शेयर होते हैं और इनके जरिए बिजली कंडक्ट हो सकती है। ऐसा ही 1.5 करोड़ अटमॉस्फीरिक प्रेशर पानी पर देने से हो सकता है जो मौजूदा लैब तकनीक में मुमकिन नहीं है। नई स्टडी के सह-लेखक पावेल जंगवर्थ ने इसके लिए दूसरा तरीका निकाल लिया। इलेक्ट्रॉन शेयरिंग के लिए उन्होंने alkali metal का इस्तेमाल किया। कैसे किया एक्सपेरिमेंट ये सोडियम-पोटैशियम जैसे रिऐक्टिव एलिमेंट्स का समूह होता है। हालांकि, यही चुनौती भी रही क्योंकि पानी के संपर्क में आने पर ये भयानक विस्फोटक में तब्दील हो जाते हैं। इसके लिए ऐसा एक्सपेरिमेंट तैयार किया गया जिससे रिऐक्शन धीमा हो जाए और विस्फोट न हो। एक सीरिंज को पोटैशियम और सोडियम से भरा गया जो सामान्य तापमान पर तरल होता है और इसे वैक्यूम चेंबर में रख दिया गया। ...और बन गया सोना इसके बाद सीरिंज से इस मिश्रण की बूंदें निकाली गईं जिनमें कम मात्रा में भाप दी गई। इन बूंदों पर पानी कुछ सेकंड के लिए जमा हो गया। जैसी उम्मीद थी, मिश्रण की बूंदों से इलेक्ट्रॉन पानी में चले गए और कुछ सेकंड के लिए पानी सुनहरा हो गया।
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