सिंगापुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की तुलना आजकल सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री से की जा रही है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे प्रकाश सिंह ने एक ट्वीट कर लिखा कि यूपी में माफियाओं की 1574 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। योगी यूपी के ली कुआन यू बनकर उभर रहे हैं। जिसके बाद से सिंगापुर के इस करिश्माई नेता का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रकाश सिंह ने योगी की तारीफ क्यों की? नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बात करते हुए प्रकाश सिंह ने कहा कि सिंगापुर की जब शुरुआत हुई थी, तब ली कुआन यू वहां के प्रधानमंत्री थे। उस समय सिंगापुर में अपराधी भरे पड़े थे। कहा यह जाता है कि उन्होंने अपराधियों को यह स्पष्ट कर दिया कि या तो तुम सीधे हो जाओ या सिंगापुर छोड़कर चले जाओ, नहीं तो तुम सबको हम जहन्नुम भेज देंगे। योगी आदित्यनाथ तो यह खुलकर नहीं कह रहे हैं, लेकिन ली कुआन ने यह सीधे-सीधे कहा था। कहते हैं कि अपराध पर उनके नियंत्रण के कारण सिंगापुर के आर्थिक विकास और समृद्धि की नींव पड़ी। ली कुआन की नीतियों ने सिंगापुर को बनाया विकसित देश सिंगापुर आज दुनिया के सबसे ज्यादा विकसित देशों में शुमार है। भारत की तरह कभी यह देश भी ब्रिटेन का गुलाम था। भारत की आजादी के 18 साल बाद अंग्रेजी दासता से मुक्त हुआ सिंगापुर आज तरक्की की ऊंचाईयों को छू रहा है। भारत में जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई तब सिंगापुर ने दिल खोलकर भारत को ऑक्सिजन, कंसंट्रेटर्स और ऑक्सिजन सिलेंडर्स की सप्लाई की। प्रति व्यक्ति आय के मामने में सिंगापुर दुनिया में चौथे स्थान पर है। इन सफलताओं के लिए सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू की दूरदर्शी नीतियों को जिम्मेदार बताया जाता है। गरीबी खत्म करने के लिए चलाई कई योजनाएं ली कुआन यू 1959 से लेकर 1990 तक सिंगापुर के प्रधानमंत्री रहे। ली कुआन प्रधानमंत्री तो ब्रिटिश उपनिवेश के दौर में बने, लेकिन 1965 में आजादी के बाद भी उन्होंने ही देश की सत्ता संभाली। 1959 में ली कुआन यू की पीपुल्स ऐक्शन पार्टी ने 51 में से 43 सीट जीतकर सिंगापुर में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही गरीबी से जूझ रहे लोगों को पक्का मकान देने के लिए हाउसिंग एंड डेवलेपमेंट बोर्ड की स्थापना की। सिंगापुर से खत्म किया भ्रष्टाचार लंबे समय तक अंग्रेजों का उपनिवेश रहने और गरीबी के कारण सिंगापुर में भ्रष्टाचार का खूब बोलबाला था। ली कुआन के सामने सबसे बड़ी समस्या राजनीति में ऊंची पैठ रखने वाले इन भ्रष्टाचारियों से निपटने की थी। उन्होंने देश में भ्रष्टाचार रोधी इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की स्थापना की और इसे जांच करने के लिए पूरी स्वतंत्रता भी दी। इसका नतीजा यह हुआ कि सिंगापुर में बड़े-बड़े पदों पर बैठे कई राजनेताओं, बिजनेसमैन और माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। कई लोगों की संपत्तियां जब्त हुईं तो कईओं को जेल में डाल दिया गया। 1990 तक सिंगापुर के पीएम रहे ली कुआन यू लगभग 31 साल तक सिंगापुर की सत्ता संभालने वाले ली कुआन यू ने 1990 में प्रधानमंत्री की कुर्सी को छोड़ दिया। हालांकि, वे बाद में भी सरकार के सलाहकार समिति में वरिष्ठ सदस्य के रूप में शामिल रहे। 23 मार्च 2015 को ली कुआन यू का निमोनिया के कारण देहांत हो गया।
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