अबू धाबीकोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार है। कई देश बड़े पैमाने पर वैक्सिनेशन कर काफी हद तक वायरस से बचाव को सुनिश्चित कर चुके हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नाम भी शामिल है, जिसका वैक्सिनेशन रेट 70 फीसदी पहुंच चुका है। हालांकि डेल्टा वेरिएंट के सामने आने और कई देशों में इसके फैलने के बाद नागरिकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा गया है। 10 में 8 को लग चुकी है वैक्सीनखलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक ओर जहां दुनिया में 10 में से 8 लोगों को अभी तक वैक्सीन की डोज नहीं मिल पाई है, वहां यूएई में हालात इसके ठीक विपरीत हैं। देश में करीब 10 में 8 लोगों को आंशिक या पूरी तरह से वैक्सीन लग चुकी है। रॉयटर्स की एक स्टडी के अनुसार वैश्विक स्तर पर ज्यादातर मौतें बिना वैक्सिनेशन वाले लोगों की हुई हैं। अच्छी खबर यह है कि 2021 में टीकों पर लोगों का संदेह अब कम हो रहा है। वैक्सीन लगवाने के बाद मिला सुकूनरिपोर्ट के मुताबिक जुलाई के दूसरे सप्ताह में फाइजर वैक्सीन की पहली डोज लेने वाली भारतीय प्रवासी अनम खान ने कहा, 'शुरू में मुझे वैक्सिनेशन को लेकर संदेह था क्योंकि मैंने कोरोना टीकों के साइड इफेक्ट के बारे में सुना था। मुझे खुशी है कि मैं यूएई में रह रही हूं जहां की सरकार यह सुनिश्चित करती है कि वह अपने लोगों को 'बेस्ट' के अलावा कुछ न दे।' उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद जब वह काम के लिए घर से बाहर निकलती हैं तो उन्हें मानसिक शांति मिलती हैं। एकमात्र बचाव है टीकायूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट चिकनपॉक्स की तरह फैल सकता है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों को रोकने के लिए कोरोना के टीके बेहद प्रभावी उपाय हैं।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/2TLRzyn
via IFTTT
No comments:
Post a Comment