Thursday 22 July 2021

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चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के साथ बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास कर रही है। ब्रिटिश सरकार ने बताया कि यह युद्धाभ्यास तीन दिनों तक चलेगा। इसमें एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में ब्रिटेन का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रही है। यह द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास दोनों नौसेनाओं की समुद्री क्षेत्र में एक साथ काम करने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के युद्धपोत, लड़ाकू विमान, पनडुब्बियां और एम्फीबियस शिप ने एक साथ अभ्यास किया। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों की नौसेनाओं को शरद ऋतु में अगले अभ्यास से पहले अपनी क्रियाशीलता और सहयोग को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा जब यह एयरक्राफ्ट कैरियर हिंद महासागर में वापस लौटेगा।

चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के साथ बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास कर रही है। ब्रिटिश सरकार ने बताया कि यह युद्धाभ्यास तीन दिनों तक चलेगा।


ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ भारतीय नौसेना का युद्धाभ्यास, तस्वीरों ने दिया चीन को साफ संदेश

चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के साथ बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास कर रही है। ब्रिटिश सरकार ने बताया कि यह युद्धाभ्यास तीन दिनों तक चलेगा। इसमें एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में ब्रिटेन का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिस्सा ले रही है। यह द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास दोनों नौसेनाओं की समुद्री क्षेत्र में एक साथ काम करने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के युद्धपोत, लड़ाकू विमान, पनडुब्बियां और एम्फीबियस शिप ने एक साथ अभ्यास किया। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि इस अभ्यास से दोनों देशों की नौसेनाओं को शरद ऋतु में अगले अभ्यास से पहले अपनी क्रियाशीलता और सहयोग को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा जब यह एयरक्राफ्ट कैरियर हिंद महासागर में वापस लौटेगा।



इस युद्धाभ्यास में 10 युद्धपोतों के साथ 4 हजार नौसैनिक शामिल
इस युद्धाभ्यास में 10 युद्धपोतों के साथ 4 हजार नौसैनिक शामिल

इस संयुक्त युद्धाभ्यास में 10 जहाज, दो पनडुब्बी, लगभग 20 विमान और करीब 4,000 नौसैनिक हिस्सा ले रहे हैं। ब्रिटेन की नौसेना रॉयल नेवी के एडमिरल सर टोनी रडाकी ने कहा कि यह एक ऐसा महीना है जब रॉयल नेवी और भारतीय नौसेना मिलकर दो महासागरों में संयुक्त अभ्यास करेंगी। इसकी शुरुआत हिंद महासागर में होगी।गर्मियों के बाद दोनों देशों की नौसेनाएं अटलांटिक महासागर में भी एक संयुक्त अभ्यास करेंगी। यह संयुक्त अभ्यास हमारी नौसेनाओं के बीच बढ़ते संबंधों की ताकत, ऊर्जा और महत्व का प्रमाण है। भारतीय नौसेना का एक जहाज अगस्त में ब्रिटेन के तट पर भी एक अभ्यास में हिस्सा लेगा। गौरतलब है कि यह संयुक्त अभ्यास सामरिक दृष्टि से भारत-ब्रिटेन के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ती हुई साझेदारी और सहयोग का एक अहम हिस्सा है।



भारत की तरफ से इन युद्धपोतों ने दिखाई ताकत
भारत की तरफ से इन युद्धपोतों ने दिखाई ताकत

भारतीय नौसेना ने ने बताया कि इस युद्धपोत में आईएनएस सतपुड़ा, रणवीर, ज्योति, कवरत्ती, कुलिश शामिल हुए। इनके अलावा एक पनडुब्बी ने भी युद्धाभ्यास में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। इसमें भारत की तरफ से पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8I ने भी भाग लिया। इस अभ्यास में एफ-35बी लाइटनिंग लड़ाकू विमान ने एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के डेक से उड़ान भरकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। पिछले वर्षों में हासिल की गई अंतर-संचालनीयता ने पेशेवर आदान-प्रदान की जटिलता और उसके परिमाण में एक बड़ा उछाल सुनिश्चित किया है जिसे हिंद महासागर में रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की उपस्थिति से और अधिक बढ़ाया जा रहा है।



ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात हैं ये जंगी हथियार
ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात हैं ये जंगी हथियार

इस स्टाइकर समूह में एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट के दो स्क्वाड्रन तैनात हैं, जिनकी संख्या 36 है। यह लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीकी से लैस है। इसे दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। इसके अलावा समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए 14 हेलिकाप्टर भी तैनात रहते हैं। इसमें हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर चिनूक, अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे भी शामिल हैं। एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 65 से ज्यादा विमानों को लेकर सफर कर सकता है। इसमें फ्लाइट डेक के नीचे कुल नौ डेक हैं। जिनमें लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और दूसरे हथियारों को रखा जाता है। इन जहाजों को फ्लाइट डेक पर लाने के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर में दो लिफ्ट लगी हुई हैं।



अकेला नहीं आया ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर
अकेला नहीं आया ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर

इस एयरक्राफ्ट कैरियर के स्ट्राइक ग्रुप में दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल है। माना जा रहा है कि इसके चीन के नजदीक युद्धाभ्यास करने से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है। वहीं, चर्चा है कि इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों देशों से भी चीन के संबंध निचले स्तर पर हैं। ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने कहा कि इस स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती भारत और इंडो पैसिफिक में सहयोगियों के साथ रक्षा संबंध के एक नए युग की शुरुआत है। ब्रिटेन ने कहा कि एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ की तैनाती भारत के साथ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गहरे राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।



हाईटेक रडार हैं इस एयरक्राफ्ट की सबसे बड़ी ताकत
हाईटेक रडार हैं इस एयरक्राफ्ट की सबसे बड़ी ताकत

65 हजार टन वजनी यह एयरक्राफ्ट कैरियर 280 मीटर लंबा है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर इतना भारी होते हुए भी 59 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकता है। एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ पर 1600 नौसैनिकों को तैनात किया जा सकता है, जिसमें 250 कमांडो शामिल हैं। इसमें बीई का S1850M लॉन्ग रेंज रडार लगा हुआ है, जो 400 किलोमीटर की दूरी से ही दुश्मनों के जहाजों का पता लगा सकता है। इसमें मीडियम रेंज के लिए Type 997 Artisan radar लगा हुआ है, जो 200 किलोमीटर की दूरी तक एक बार में 900 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। इतना ही नहीं, यह 3डी रडार 3 मैक की स्पीड से उड़ने वाले चिड़िया या टेनिस बॉल के आकार के लक्ष्य को भी पहचान सकता है।



ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर से चीन का चिढ़ना तय
ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर से चीन का चिढ़ना तय

ब्रिटेन और चीन के बीच हॉन्ग कॉन्ग को लेकर सबसे ज्यादा तनाव है। हॉन्ग कॉन्ग पहले ब्रिटेन की कॉलोनी थी। बाद में ब्रिटेन ने इसे शर्तों के साथ एक निश्चित समय के लिए चीन को सौंप दिया था। चीन ने इन शर्तों का उल्लंघन करते हुए चीन के सभी कानून जबरदस्ती हॉन्ग कॉन्ग पर डाल दिए। जिसके जवाब में ब्रिटेन ने यहां से भी निवासियों को अपने देश की नागरिकता देने का ऐलान किया हुआ है। इसके अलावा उइगुरों के मानवाधिकारों का दमन, दक्षिण चीन सागर में दादागिरी, ताइवान पर कब्जे की कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर भी ब्रिटेन और चीन में तनाव चरम पर हैं।





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