Wednesday, 25 August 2021

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इस्लामाबाद पाकिस्तान ने दिल्ली से 531 किमी दूर बहावलपुर में चीन में बने सीएच-4 ड्रोन को तैनात किया हुआ है। ताजा सैटेलाइट इमेज में दो की संख्या में सीएच-4 ड्रोन बहावलपुर एयरबेस पर दिखाई दिए हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान सीमा के नजदीक स्थित इस एयरबेस पर पाकिस्तान इन ड्रोन्स को उड़ाने की ट्रेनिंग कर रहा है। चीन ने पाकिस्तान को इसी साल जनवरी में पांच CH4 ड्रोन सौंपे थे। इस तस्वीर को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने जारी किया है। MQ-9 रीपर की कॉपी है चीनी ड्रोन CH4 ड्रोन का का पूरा नाम चांग होंग-4 है। इसे CH-3A से विकसित करके बनाया गया है। ऐसे में इसे CH-3A अपग्रेडेड वैरिएंट भी कहा जा रहा है। CH4 को चीन की सरकारी विमान निर्माता चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) ने बनाया है। यह ड्रोन देखने में यह अमेरिका के जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम्स के MQ-9 रीपर ड्रोन से काफी मिलता-जुलता है। 30 घंटे तक भर सकता है उड़ान चीन ने इस ड्रोन को 2014 में झुहाई एयरशो में प्रदर्शित किया था। तब चीनी कंपनी ने दावा किया था कि सीएच 4 सीरीज के ड्रोन जमीन और समुद्र में काफी ऊंचाई पर उड़ान भरकर अपने मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं। इसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन 1,260 किलोग्राम तक है। जबकि, इसकी पेलोड क्षमता 115 किलोग्राम है। यह ड्रोन एक बार की उड़ान में 30 घंटे तक हवा में मंडरा सकता है। चीनी मीडिया में अलग बताई गई क्षमता एक अन्य चीनी मीडिया में दावा किया गया है कि सीएच4 ड्रोन के पंखों का फैलाव करीब 18 मीटर है। यह ड्रोन 1300 किलोग्राम तक के वजन के साथ टेकऑफ कर सकता है। वहीं इसकी पेलोड क्षमता 350 किलोग्राम बताई गई है। अब इन दोनों दावों में कौन सा सही है, इसके बारे में किसी को भी सही जानकारी नहीं है। इन हथियारों से लैस है सीएच-4 ड्रोन यह ड्रोन अपने साथ लैन जियान 7 (ब्लू एरो 7) लेजर गाइडेड एयर टू सरफेस मिसाइलों को फायर कर सकता है। इसके अलावा इस ड्रोन में मिशन के अनुसार, टीजी100 लेजर/आईएनएस/जीपीएस गाइडेड बम, और एआर-1/एचजे-10 एंटी टैंक मिसाइल को लगाया जा सकता है। चीन अपने इस एंटी टैंक मिसाइल की तुलना अमेरिका के हेलफायर से करता है। 5000 मीटर ऊपर से दाग सकता है मिसाइल चीन का दावा है कि CH4 ड्रोन से मिसाइलों को 5000 मीटर की ऊंचाई से भी फायर किया जा सकता है। इस ड्रोन में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर टरेट लगा हुआ है, जिससे ग्राउंड पर बैठा ऑपरेटर इसे कंट्रोल करता है। सीएच -4 में ड्रोन को दूर से उड़ाने के लिए एक आधुनिक कंट्रोल स्टेशन भी बनाया गया है। चीन ने 2015 की शुरुआत में इस ड्रोन को 2015 में इराक में तैनात किया था। इसके बाद इसे पाकिस्तान और यूएई को भी बेचा गया है। भारत के लिए क्यों हैं खतरा? पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारत को सबसे ज्यादा खतरा ड्रोन की गतिविधियों से है। पिछले 4-5 महीनों से एलओसी के आसपास बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए हुए ड्रोन की गतिविधियों को ट्रैक किया गया है। एक महीने पहले ही जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे। ऐसे में अगर पाकिस्तान के पास सीएच4 ड्रोन है तो समुद्र और जमीन पर भारत को काफी चौकन्ना रहना होगा।


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