कैनबेरा अरबों साल पहले हमारे सूरज से 100 गुना विशाल सितारे में ऐसा विस्फोट हुआ जिसने अंतरिक्ष में भयानक हलचल मचा दी। शॉक वेव और मलबा दूर तक फैलता चला गया और अब इसकी रोशनी Kepler टेलिस्कोप की मदद से देखी गई है। ऑस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्टूडेंट पैट्रिक आर्मस्ट्रॉन्ग ने इसे डिटेक्ट किया है। उनकी स्टडी मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल ऐस्ट्रॉनमिकल सोसायटी में छपी है। बंद हुआ टेलिस्कोप पैट्रिक ने अल जजीरा को बताया है कि आमूमन सितारे के मरने पर होने वाले विस्फोट से जो रोशनी निकलती है उसे कुछ ही दिन देखा जा सकता है। Kepler उसी दौरान आसमान के उस क्षेत्र में देख रहा था। इस टेलिस्कोप ने 2018 में काम करना बंद कर दिया था और अब इसके डेटा से यह खोज की गई है। पैट्रिक के सुपरवाइजर ब्रैड टकर कई साल से इस टेलिस्कोप के डेटा को स्टडी कर रहे हैं। दिखी साफ तस्वीर टकर ने बताया है कि किसी गैलेक्सी में हर 100 साल पर एक होता है और Kepler की मदद से हजारों गैलेक्सीज को देखा जा सकता है। उन्हें उम्मीद है कि Kepler के डेटा पर आधारित कई स्टडीज अभी सामने आएंगी। इस स्टडी में पहली बार सितारे में होने वाले SN2017jgh से निकलतीं शॉक वेव साफ-साफ देखी गई हैं। 2009 में हुआ था लॉन्च केप्लर को पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों की खोज के लिए ही नासा ने 7 मार्च, 2009 को लॉन्च किया था। हालांकि 9 साल के ऑपरेशन के बाद इस टेलिस्कोप के रिऐक्शन कंट्रोल सिस्टम का ईंधन कम हो गया था, जिसके बाद नासा ने 30 अक्टूबर, 2018 को इसे रिटायर करने का ऐलान कर दिया। केप्लर 60 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार किया गया था। इसे 'केप्लर' नाम एस्ट्रोलॉमर (खगोलज्ञ) जोहनस केप्लर के सम्मान में दिया गया था।
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