वॉशिंगटन एक अमेरिकी युद्धपोत और एक अमेरिकी तट रक्षक कटर शुक्रवार को ताइवन जलडमरूमध्य से होकर गुजरा था। 'संवेदनशील' जलमार्ग में अमेरिका के इस दखल को वॉशिंगटन ने 'रूटीन ऑपरेशन' करार दिया। यह जलक्षेत्र ताइवान को चीन से अलग करता है और इसी के आधार पर ताइवान एक 'स्व-शासित द्वीप' का दावा करता है। अमेरिकी नौसेना ने जारी किया बयानयह मार्ग बीते दो सालों में चीन और ताइवान के बीच सैन्य तनाव का कारण बना हुआ है। पिछले हफ्ते चीन ने ताइवान के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व में युद्धपोत और लड़ाकू जेट के साथ अभ्यास किया। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान में कहा कि अर्ले बर्क-क्लास गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक Kidd और तटरक्षक कटर मुनरो अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग से होकर रवाना हुआ। हर जगह जा सकती है अमेरिकी सेनाबयान में कहा गया, 'ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से जहाजों का वैध ट्रांजिट एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमेरिका की सेना कहीं भी संचालन कर सकती है जहां अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है।' अमेरिकी सेना की ओर से लगभग हर महीने इस तरह के अभियान चलाए जाते हैं जो चीन की नाराजगी को बढ़ाते हैं। चीन ताइवान को अपने क्षेत्र के रूप में देखता है और द्वीप को बलपूर्वक अपने कब्जे में लेने से इनकार नहीं करता है। चीन ने बताया उकसावे वाला कदमअमेरिका का ज्यादातर देशों की तरह ताइवान के साथ भी कोई कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है। हालांकि वह इसका सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और द्वीप के लिए हथियारों का एक प्रमुख विक्रेता है। शनिवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी नौसेना के इस कदम का विरोध किया। चीनी मंत्रालय ने एक बयान में इस कदम को 'उकसावे वाला' बताया। चीन ने कहा कि अमेरिका 160 किलोमीटर तक फैले इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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