
काबुल को जंगी साजो-सामान और प्रतिबंधित विस्फोटक देकर अफगानिस्तान में तख्तापलट करवाने की कोशिश कर रहा है। इमरान खान सरकार के ऊपर यह गंभीर आरोप कोई और नहीं बल्कि अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने लगाया है। उन्होंने सवाल किया कि तालिबान के पीछे कौन है? चलिए थोड़ी जांच-पड़ताल करते हैं। हम पर आक्रमण हो रहे हैं और लाइन की दूसरी तरफ इसका प्रायोजक है। सालेह ने खुलकर पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि वह अफगानिस्तान में अमोनियम नाइट्रेट की सप्लाई कर रहा है। इसका इस्तेमाल कर तालिबान हमारे निर्दोश अफगान नागरिकों की हत्या कर रहे हैं। नाटो की सप्लाई की बराबरी कर रहा पाकिस्तान सालेह ने कहा कि पाकिस्तान से तालिबान को हथियारों और विस्फोटकों की जितनी खेप भेजी जा रही है वह नाटो देशों से अफगानिस्तान को मिलने वाली सहायता के बराबर है। उन्होंने कहा कि यूएस नाटो हमें सप्लाई भेजते हैं और नाटो ग्लोबल अलायंस है। नाटो हमारे यहां इसलिए हैं क्योंकि वे एक लोकत्रंत की सहायता कर रहे हैं। अब तालिबान के पीछे कौन है? दूसरी तरफ नाटो की आपूर्ति से तालिबान की आपूर्ति कैसे मेल खा रही है। यह कहीं भी लिखा हुआ नहीं है। हम थोड़ी गहराई से इसकी जांच करते हैं। विदेशी सहायता के देशद्रोह करना एक पाइपलाइन में लीकेज की तरह होता है या किसी टपकते छत की तरह। सालेह बोले- हमें जड़ में जाकर समस्या को ठीक करना होगा अफगानी उपराष्ट्रपति ने कहा कि पानी की बूंदे आपके घर को अस्त व्यस्त कर देती हैं। आप इसे छत के नीचे से सही नहीं कर सकते हैं। इसको सही करने के लिए आपको छत के ऊपर चढ़ना पड़ेगा। पिछले 20 साल में हमने ऐसी ही छत से टपक रहीं बूंदों को बंद करने की कोशिश की है। हम हमेशा से छत के नीचे ही पेंट कर पानी को टपकने से बंद करने की कोशिश करते रहे हैं। हमने कभी भी ऊपर चढ़कर इसे ठीक करने की कोशिश नहीं की है। अब हमें इसे सही तरीके से ठीक करने की जरूरत है। अफगानिस्तान में हमले का पाकिस्तान है प्रायोजक उन्होंने कहा कि इस समय हमारे ऊपर आक्रमण किया जा रहा है और लाइन की दूसरी तरफ इसका प्रायोजक है। जिस छत की बात मैं कर रहा हूं वह पाकिस्तान है। उन्होंने ने तल्ख लहजे में कहा कि हम आपको अफगानिस्तान में कुछ भी करने के लिए आमंत्रित नहीं कर रहे हैं। हमने इसे संयुक्त राष्ट्र में भी बोला है। अफगानी लोगों की हत्या कुछ दबाव समूह कर रहे हैं। यह दबाव समूह पाकिस्तान से आ रहे हैं। पाकिस्तान में अमोनियम नाइट्रेट भेज रहा पाकिस्तान अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि पाकिस्तान हमारे देश में अमोनियम नाइट्रेट भेज रहा है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो किसी दूसरे देश में अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक की सप्लाई कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि पश्चिमी देशों के दूतावास ने हमारे देशों से हजारों नागरिकों को क्यों बाहर निकाला है? उन्होंने बताया कि क्योंकि उन्हें अपनी हत्या का डर था। पाकिस्तान की सहायता के कारण दूसरे देशों का इन्वेस्टमेंट, उनके लोग, हमारे लोगों की जानें सबकुछ रिस्क में हैं। उर्वरकों और खनन में इस्तेमाल होता है अमोनियम नाइट्रेट अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) एक सफेद, क्रिस्टलीय औद्योगिक रसायन है जो पानी में घुलनशील है। इसका आमतौर पर उर्वरकों में और खनन के लिए विस्फोटक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह विस्फोट में आक्सीडाइजर का काम करता है जिससे विस्फोट की ताकत कई गुना बढ़ जाती है। इसे स्टोर कर रखना भी आसान होता है। अपने आप में विस्फोटक नहीं है अमोनियम नाइट्रेट शुद्ध अमोनियम नाइट्रेट अपने आप में विस्फोटक नहीं है। अगर यह किसी फ्यूल या ज्वलनशील पदार्थ की संपर्क में आ जाए तो भयानक तबाही मच सकती है। अत्याधिक गर्मी के संपर्क में आने पर भी इसमें विस्फोट हो सकता है। जितनी बड़ी मात्रा में यह रसायन स्टोर होगा, धमाका होने पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही ज्यादा होगी। यूएन ने भी अमोनियम नाइट्रेट को बताया है खतरनाक इसे खुले और हवादार जगह पर स्टोर किया जाता है। जहां पानी या धूप सीधे इसके ऊपर न पड़े। स्टोर करने से पहले यह भी देखा जाता है कि इसके आसपास कोई ज्वलनशील पदार्थ न हो। संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे खतरनाक सामान की लिस्ट में वर्गीकृत किया है। ऐसे में कोई भी देश किसी दूसरे देश को इस विस्फोटक पदार्थ की सप्लाई नहीं कर सकता है।
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