काबुल काबुल में अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नामों की एक लिस्ट सौंप दी है। अधिकारियों ने तालिबान से इन्हें एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देने के लिए कहा है क्योंकि यह क्षेत्र आतंकवादी संगठन के नियंत्रण में है। तालिबान के हाथ विदेशी सैनिकों की मदद करने वाले अफगानों की सूची लगना खतरे का संकेत हो सकता है। निर्मम हत्याओं से भरा तालिबान का इतिहासतीन अमेरिकी अधिकारियों ने POLITICO से बात करते हुए कहा कि यह कदम अफगानिस्तान से हजारों लोगों की निकासी में तेजी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका दूसरा कारण यह भी है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर अमेरिका सुरक्षा के लिए तालिबान पर निर्भर हो गया है। तालिबान को अपने अफगान सहयोगियों की सूची सौंपना एक गलत फैसला माना जा सकता है। संघर्ष के दौरान अमेरिका और अन्य गठबंधन बलों के साथ सहयोग करने वाले अफगानों की बेरहमी से हत्या करने का तालिबान इतिहास इस बात की पुष्टि करता है। सैन्य अधिकारी इस कदम से नाराजइस कदम से सांसद और सैन्य अधिकारी नाराज हैं। एक रक्षा अधिकारी ने इस सूची को 'हत्या की सूची' कहा है। गुरुवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में बाइडन ने कहा कि उन्हें ऐसी सूचियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि उन्होंने इस बात से भी इनकार नहीं किया कि कभी-कभी अमेरिका तालिबान को ऐसे नाम सौंपता है। बाइडन ने कहा, 'ऐसे मौके आए हैं जब हमारी सेना ने तालिबान में अपने सैन्य समकक्षों से संपर्क किया है। मेरी जानकारी के अनुसार, ऐसे मामलों में ज्यादातर लोगों को छोड़ दिया गया।' घर-घर जाकर खोज रहा तालिबानयह चिंता की बात इसलिए भी है तालिबान विदेशी सैनिकों के अफगान सहयोगियों की तलाश शुरू कर चुका है। पिछले दिनों खबर आई थी कि लड़ाके काबुल में लोगों के घर-घर जाकर ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं। आतंकवादियों ने इन लोगों को धमकी भी दी है कि अगर ये सामने नहीं आए तो इनके परिवार को इसकी 'कीमत' चुकानी पड़ेगी। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि तालिबान अमेरिका और नाटो बलों का सहयोग करने वाले लोगों की तलाश कर रहा है और उन्हें खोजने के लिए घर-घर जा रहा है।
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