वॉशिंगटन डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर एक विस्फोट में मारे गए अमेरिकी सेवा के सदस्यों के परिवारों के प्रति शोक प्रकट किया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि इस हमले को कभी नहीं होने देना चाहिए था और अगर मैं आपका राष्ट्रपति होता तो यह हमला कभी नहीं होता। उन्होंने कहा कि मेलानिया और मैं हमारे शानदार सर्विस मेम्बर्स के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिनकी अमेरिका के प्रति ड्यूटी उनके लिए बहुत मायने रखती थी। नहीं होनी चाहिए थी यह घटनाट्रंप ने कहा, 'हमारी संवेदनाएं उन निर्दोष नागरिकों के परिवारों के साथ भी हैं जो आज काबुल हमले में मारे गए। इस त्रासदी को कभी नहीं होने देना चाहिए था, यह हमारे दुख को और गहरा बनाता है। अगर मैं आपका राष्ट्रपति होता तो यह हमला कभी नहीं होता। भगवान अमेरिका का भला करे।' पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट की पुष्टि करते हुए कहा था कि काबुल एयरपोर्ट पर आज के जटिल हमले में कई अमेरिकी सर्विस मेम्बर्स मारे गए। आतंकियों को नहीं करेंगे माफइन सब के बीच काबुल में अमेरिकी दूतावास ने एक ताजा चेतावनी जारी की है। काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए बम धमाके में अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन बेहद गुस्से में हैं। हमले के बाद वाइट हाउस से अपने एक संबोधन में जो बाइडेन ने कहा कि हम आतंकियों को माफ नहीं करेंगे, उन्हें ढूंढेंगे और इसकी सजा देंगे। दरअसल, काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आत्मघाती हमले में करीब एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। जारी रहेगा अमेरिका का मिशनकाबुल के हमलावरों को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- 'हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम आपको ढूंढेंगे, मारेंगे और आपके किए की सजा देंगे।' राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा- 'हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।' उन्होंने कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में अब तक तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत नहीं है।
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