Wednesday 29 September 2021

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इस्लामाबाद बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान विरोधी विद्रोहियों के लगातार बढ़ते हमलों से इमरान खान सरकार डरी हुई है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों को पाकिस्तान के प्रति निष्ठा जताने के लिए अजीबोगरीब निर्देश भी दिए जा रहे हैं। बलूचिस्तान सरकार ने अपने अधिकारियों को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का कॉलरट्यून लगाने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं, जारी किए आदेश में इस कॉलरट्यून को लगाने का तरीका भी बताया गया है। बलूचिस्तान राज्य ने जारी किया आदेश बलूचिस्तान सरकार के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य के चीफ सेक्रेटरी, साइंस और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ हुई बैठक में लगाने का फैसला किया गया है। बलूचिस्तान राज्य के सभी कर्मचारियों को यह कॉलरट्यून लगाना अनिवार्य होगा। इसके लिए किसी भी कंपनी का सिम इस्तेमाल कर रहे कर्मचारी इन नंबरों पर मैसेज करें। क्यों डरा हुआ है पाकिस्तान बलूचिस्तान में विद्रोहियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी क्वेटा में कुछ दिन पहले ही एक पुलिसचौकी को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था। इस हमले में कई पुलिसकर्मियों के अलावा सात लोगों की मौत हुई थी। सेरेना होटल के बाहर दो बार हमले किए जा चुके हैं। पाक सरकार चाहकर भी बलूचिस्तान में हमले नहीं रोक पा रही। ऐसे में वह इस राज्य के लोगों को अब देशभक्ति का पाठ पढ़ाने की कोशिश में जुटा है। चीन-पाक के सीपीईसी का विरोध करते हैं बलूच बलूचिस्तान के लोगों ने हमेशा से चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध किया है। कई बार बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के हथियारबंद विद्रोहियों के ऊपर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने का आरोप भी लगे हैं। 2018 में इस संगठन पर कराची में चीन के वाणिज्यिक दूतावास पर हमले के आरोप भी लगे थे। आरोप हैं कि पाकिस्तान ने बलूच नेताओं से बिना राय मशविरा किए बगैर सीपीईसी से जुड़ा फैसला ले लिया। स्पेशल फोर्स बनाने के बावजूद नहीं रुके हमले 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लागत वाले इस परियोजना की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान ने एक स्पेशल फोर्स का गठन किया है, जिसमें 13700 स्पेशल कमांडो शामिल हैं। इसके बावजूद इस परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जून में कराची के स्टॉक एक्सचेंज पर हुए हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी की माजिद ब्रिग्रेड ने ली थी। बलूचिस्तान की रणनीतिक स्थिति पाक के लिए अहम बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक सूबा है। पाक से सबसे बड़े प्रांत में शुमार बलूचिस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान से मिलती है। वहीं कराची भी इन लोगों की जद में है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा इस प्रांत से होकर गुजरता है। ग्वादर बंदरगाह पर भी बलूचों का भी नियंत्रण था जिसे पाकिस्तान ने अब चीन को सौंप दिया है।


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