
काबुल तालिबान के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि अफगानिस्तान की सरकारी यूनिवर्सिटी में महिलाओं के पढ़ने और पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, जब तक उन्हें पुरुषों से अलग नहीं कर दिया जाता। लेकिन काबुल यूनिवर्सिटी को महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए बंद कर दिया गया है। बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में सन्नाटा पसरा रहा और छात्र व छात्राओं को घर वापस भेज दिया गया। सभी क्लास सस्पेंड कर दी गईं और सिर्फ पुरुष कर्मचारियों को ही ऑफिस और रिसर्च संबंधी काम करने की छूट दी गई। इस्लामिक वातावरण में मिलेगी अनुमतिकाबुल यूनिवर्सिटी का अचानक बंद होना तालिबान की कठोर शिक्षा नीति को दिखाता है। जिसके मुताबिक महिलाओं को सिर्फ पारंपरिक कपड़ों में ही कॉलेज आने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें पुरुषों से अलग रखा जाएगा। तालिबान की ओर से नियुक्त काबुल यूनिवर्सिटी के नए कुलपति ने इस हफ्ते ट्वीट कर कहा, 'जब तक सभी के लिए एक इस्लामिक वातावरण नहीं बनाया जाता, महिलाओं को न ही यूनिवर्सिटी में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'इस्लाम सबसे पहले'। घर वापस भेजे गए छात्र व टीचरसरकार के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि अधिकारी महिला छात्रों के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए करीमी ने कहा कि योजना को अंतिम रूप दिए जाने के बाद उन्हें उनकी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। बुधवार को काबुल यूनिवर्सिटी की कई महिला छात्रों और टीचरों को घर वापस भेज दिया गया। उन्होंने तालिबान के इस फैसले पर चिंता जताई। तालिबान ने बदल दिए अफगानिस्तान के कॉलेजतालिबान ने अफगानिस्तान के कॉलेज और यूनिवर्सिटी की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। नियमों की एक लंबी सूची जारी की गई है जिसका पालन करते हुए कई प्राइवेट कॉलेज अलग-अलग क्लास चलाने को मजबूर हैं या लड़के व लड़कियों के बीच पर्दा लगाकर उन्हें पढ़ा रहे हैं। तालिबान ने लड़के और लड़कियों के आने-जाने के समय से लेकर रास्तों तक को अलग करने के लिए कहा है ताकि उन्हें एक-दूसरे से घुलने-मिलने से रोका जा सका।
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