Monday, 1 November 2021

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वॉशिंगटन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति अशरफ गनी पर जोरदार हमला बोला है। ब्लिंकन ने कहा कि अशरफ गनी ने आखिरी सांस तक लड़ने का वादा किया था, लेकिन तालिबान के आने और राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद वे देश छोड़कर भाग गए। हाल ही में सीबीएस न्यूज के एक साक्षात्कार में, ब्लिंकन से पूछा गया था कि क्या उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गनी को काबुल में रहने के लिए मनाने की कोशिश की थी। ब्लिंकन ने कहा कि वह शनिवार (14 अगस्त) की रात को गनी के साथ फोन पर थे, उन्होंने काबुल में एक नई सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की योजना को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि यह सरकार ‘तालिबान के नेतृत्व में होगी, लेकिन अफगान समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा’। ब्लिंकन ने बताया, ‘गनी ने उनसे कहा था कि वह ऐसा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि अगर तालिबान साथ नहीं देगा, तो वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे। लेकिन अगले ही दिन, वह अफगानिस्तान से भाग गए।’ तालिबान ने की बैंक भंडार को मुक्‍त करने की मांग अगले ही दिन 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से देश के बैंक भंडार को मुक्त करने का आग्रह किया है। तालिबान का कहना है कि इससे मानवीय संकट को रोका जा सकता है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। तालिबान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद वली हौमल ने एक बयान में कहा कि अफगान संपत्ति को बिना किसी शर्त के जारी किया जाना चाहिए। तालिबान ने कहा कि भंडार को फ्रीज करना अंतर्राष्ट्रीय कानून का विरोध है और यह अफगान लोगों के खिलाफ क्रूरता का स्पष्ट संकेत है। तालिबान ने एक बयान में कहा, ‘जमा किया गया पैसा इस्लामिक अमीरात की संपत्ति नहीं है, यह जरूरतमंद लोगों और व्यापारियों का पैसा है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है और इसे जल्द ही जारी किया जाना चाहिए।’ टोलो न्यूज ने बताया कि रविवार को अफगान उद्योगपतियों और व्यापारियों के एक समूह ने अफगानिस्तान के भंडार को फ्रीज किए जाने के खिलाफ एक रैली का मंचन किया, जिसमें कहा गया कि गंभीर आर्थिक संकट न केवल युद्धग्रस्त देश बल्कि अन्य देशों को भी नुकसान पहुंचाएगा। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने की घोषणा, संपत्ति जारी करने की योजना नहीं एक अफगान उद्योगपति मोहम्मद शाहब ने कहा, ‘अगर पैसा नहीं जारी किया गया, तो अपराध बढ़ेंगे, अफीम की खेती और ड्रग्स की तस्करी भी बढ़ेगी, जिससे अफगानिस्तान और अन्य देशों को नुकसान होता है।’ दूसरी ओर अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने घोषणा की है कि उसकी संपत्ति जारी करने की कोई योजना नहीं है।


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