
बीजिंग लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक आंखें दिखा रहा चीनी ड्रैगन अब भारत से लगती सीमा पर तिब्बत में हेलीकॉप्टर की फौज तैनात कर रहा है। यही नहीं इन हेलिकॉप्टरों को रखने के लिए चीन तिब्बत में एक विशाल हेलिपोर्ट बना रहा है जहां 100 के करीब लड़ाकू और अन्य हेलिकॉप्टरों को छिपाकर रखा जा सकता है। ऐसे कई हेलिपोर्ट तिब्बत में बनाए जा रहे हैं। सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन भारत से सटे इलाके में नए एयरबेस बना रहा है और पुराने एयरफील्ड को अपग्रेड कर रहा है। द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस इलाके में अब अपनी हेलिकॉप्टर फौज को मजबूत बनाने में जुट गया है और इसके लिए वह कई विशाल हेलिपोर्ट बना रहा है। तिब्बत का पठार दुनिया में सबसे ऊंचा है और यह पहाड़ों से घिरा हुआ है। चीन का तेजी से आधारभूत ढांचे का विकास यह बताता है कि वह अपनी हवाई कनेक्टविटी को बढ़ा रहा है ताकि अपने सैनिकों को आसानी से इधर से उधर किया जा सके। साथ ही आपातकालीन स्थिति में सैनिकों को मदद पहुंचाई जा सके। हेलिकॉप्टरों के लिए 63 हैंगर दिखाई दे रहे चीन ने सबसे पहले साल 2020 में अपने जे-20 हेलिकाप्टर को तिब्बत में तैनात किया था। इससे ऊंचाई वाले इलाके में अभियान चलाना उसके लिए काफी आसान हो गया है। यही नहीं वह कई अन्य हेलिकॉप्टरों को इस इलाके में तैनात कर रहा है। सैटलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन गोलमुड में एक महाकाय हेलिपोर्ट बना रहा है। यहां पर हेलिकॉप्टरों के लिए 63 हैंगर दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा कई बैरक और इमारतें यहां पर बनाई गई हैं। इस हेलिपोर्ट का निर्माण साल 2020 में शुरू हुआ था और अब यह लगभग पूरा हो गया है। गोलमुड ऐतिहासिक रूप से तिब्बत का हिस्सा है लेकिन अभी यह चीन के किंघाई प्रांत में स्थित है। लद्दाख सीमा पर विवाद के दौरान चीन की सेना ने गोलमुड में कई बार अभ्यास किया था। यहां पर सेना के प्रशिक्षण का केंद्र भी बनाया गया है। यहां पर सीधी रेलवे लाइन है जो देश के अन्य हिस्सों से जुड़ी हुई है। चीन की सेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी यह एयरपोर्ट पर पहले ही चीन के लिए प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में काम कर रहा था। यहां पर अक्सर चीन लड़ाकू विमान, बॉम्बर, निगरानी चेतावनी विमान और ट्रांसपोर्ट विमान को तैनात करता रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हेलिपोर्ट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो चीन की सेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी और वह आसानी से भारतीय सीमा पर सैनिकों को तैनात करने का काम कर सकेगा।
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