वॉशिंगटन वह दिन अब दूर नहीं जब दूसरी बीमारियों की तरह कोविड-19 को भी खाने वाली गोलियों से ठीक किया जा सकेगा। कोरोना वायरस की दवाओं की रेस में अब फाइजर भी शामिल हो गई है। शुक्रवार को कंपनी ने कोविड-19 की दवा के रूप में Paxlovid नामक गोली दुनिया के सामने रखी। दावा किया गया कि यह गोली पहले से मौजूद मर्क की गोली से ज्यादा कारगर है। कंपनी ने कहा कि यह दवा कोविड-19 से मौत और अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों को कम करने में 89 फीसदी प्रभावी है। फाइजर की दवा ने परीक्षण के शुरुआती चरण में इतने प्रभावी नतीजे दिखाए थे कि इसकी रिसर्च को बीच में ही रोकना पड़ गया था। कंपनी ने बताया कि दवा के क्लिनिकल ट्रायल की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र बोर्ड ने सिफारिश की थी कि रिसर्च को तुरंत रोक दिया जाए क्योंकि मरीजों पर दवा का असर बेहद प्रभावी और आश्वस्त करने वाला साबित हुआ है। कंपनी ने कहा कि उसने अमेरिका में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए जल्द ही फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के सामने डेटा प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। कल्पना से परे ट्रायल के नतीजेदवा को विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाली फाइजर की कार्यकारी एनालिसा एंडरसन ने कहा कि नतीजे वास्तव में हमारी कल्पना से परे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि Paxlovid हमारे जीवन को फिर से सामान्य करने और महामारी को खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है। कोरोना के इलाज के लिए पहली गोली फाइजर की प्रतिस्पर्धी कंपनी मर्क ने बनाई है। पिछले हफ्ते मर्क की दवा को मंजूरी देने वाला ब्रिटेन पहला देश बना। फाइजर की रिसर्च में शामिल 775 वयस्कमर्क की दवा का नाम Molnupiravir है। मर्क और फाइजर दोनों ही कंपनियों ने फिलहाल अपने ट्रायल का डेटा उपलब्ध नहीं कराया है। फाइजर ने गोली से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी दी थी लेकिन इनका अनुपात 20 समूहों में से एक में थी। शुक्रवार को फाइजर ने अपने अध्ययन के शुरुआती परिणाम जारी करते हुए इस गोली के बारे में सूचना दी। इस स्टडी में 775 वयस्कों को शामिल किया गया था।
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