प्योंगयांग विध्वंसक हथियारों और मिसाइलों पर पैसे फूंकने वाला उत्तर कोरिया भुखमरी की कगार पर खड़ा है। खबरों की मानें तो खाने की कमी से जूझ रहे भूखे लोग खेतों से फसल चुराने के लिए मजबूर हैं। इस चोरी को रोकने के लिए अधिकारियों ने फसल चोरों को देखते ही गोली मार देने का आदेश जारी कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक खेतों की रक्षा के लिए सैन्य इकाइयां तैनात कर दी गई हैं। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी गोदाम से एंटी-बायोटिक्स की आपातकालीन सप्लाई की चोरी की जांच के बीच फसल चोरी रोकने की मुहिम तेज हुई है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उत्तर कोरिया ने जनवरी 2020 में चीन के साथ व्यापार को निलंबित कर दिया था। उत्तर कोरिया और चीन सीमा लंबे समय से बंद है जिसके चलते देश में खाने-पीने की चीजों की कमी हो गई है। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस साल उत्तर कोरिया में कई लोगों ने भूख से दम तोड़ दिया। पैदावार को कम कर देगी फसल चोरीरिपोर्ट के मुताबिक देशभर में बढ़ रही फसल चोरी को रोकने के लिए उत्तर हैमग्योंग के उत्तरपूर्वी प्रांत में अधिकारियों ने सेना को खेतों में गश्त करने का आदेश दिया है। एक सूत्र ने आरएफए को बताया कि 9वीं कॉर्प्स दिन-रात खेतों में गश्त कर रही है। देशभर में फसल चोरी व्यापक रूप से बढ़ गई है और अगर अधिकारियों ने इसे जल्द नहीं रोका तो फसल की पैदावार बहुत कम हो जाएगी। बिना चेतावनी गोली मार देने का आदेश जारीसेना को चोरी रोकने के लिए घातक बल का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया गया है। सूत्र ने बताया कि किसी भी घुसपैठिये को सरकारी व्यवस्था के 'खिलाफ' माना जाएगा और उसे बिना किसी चेतावनी के गोली मार दी जाएगी। इस आदेश के बाद खेतों के पास रहने वाले निवासियों में तनाव पैदा हो गया है। लोग डरे हुए हैं कि अगर वे गलती से खेत चले गए तो उन्हें बिना किसी चेतावनी के गोली मार दी जाएगी। 'जीने के लिए खाएंगे भले चोरी करनी पड़े'उत्तर कोरिया में भूख की समस्या विकराल हो चुकी है। लोग इसकी तुलना 1994 से 1998 के दौरान पड़े विनाशकारी अकाल से कर रहे हैं जिसमें देश की 23 मिलियन आबादी में से 10 फीसदी की मौत हो गई थी। फसल चोरी को रोकने के लिए नए आदेश से आम लोग नाखुश हैं। उनका कहना है कि वे जीवित रहने के लिए खाना तो खाएंगे ही भले उसके लिए उन्हें चोरी करनी पड़े।
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