Monday, 8 November 2021

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इस्लामाबाद कुख्यात आतंकवादी संगठन (TTP) से डरी पाकिस्तान सरकार ने सीजफायर समझौता कर लिया है। इस समझौते में मध्यस्थ की भूमिका अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी और अफगानिस्तान का आंतरिक मंत्री ने निभाई है। हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पालतू कहा जाता है। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इस समझौते की पुष्टि की है। टीटीपी और पाक सरकार ने की पुष्टि टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरसानी ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष मंगलवार से शुरू हुएए इस संघर्ष विराम की अवधि का सम्मान करेंगे। इसे दोनों पक्षों की सहमति से और आगे बढ़ाया जा सकता है। पाकिस्तान के सरकारी टेलीविजन (पीटीवी) पर फवाद चौधरी ने कहा कि रकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच पूर्ण युद्धविराम हो गया है। एक महीने तक जारी रहेगा संघर्षविराम फवाद चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान सरकार और टीटीपी के बीच संविधान के अनुरूप बातचीत चल रही है और वार्ता की प्रगति को ध्यान में रखते हुए युद्धविराम को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान देश की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा, संबंधित क्षेत्रों में शांति और सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर विचार किया जाएगा। उन्होंने खुलकर स्वीकारा कि इस समझौते में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने सहायता की है। पाकिस्तान तालिबान है टीटीपी टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है, जो अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। यह एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है, जिनमें हजारों लोगों की मौत हुई है। यह कथित तौर पर अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के लिए करता है। तालिबान ने की समझौते में मदद पाकिस्तान सरकार अब अफगानिस्तान के तालिबान के प्रभाव का इस्तेमाल टीटीपी के साथ शांति समझौता करने और हिंसा को रोकने की कोशिश करने के लिए कर रही है। बयान में कहा गया कि टीटीपी एक इस्लामिक जिहादी अभियान है, जिसमें पाकिस्तान के लोग भी शामिल हैं और उसने देश के हित को हमेशा प्राथमिकता दी है। इसमें कहा गया है कि इस तथ्य को कोई खारिज नहीं कर सकता कि वार्ताएं, युद्ध का हिस्सा हैं। इमरान खान ने भी कबूला था 'सच' टीटीपी ने वार्ता दलों के गठन पर भी सहमति व्यक्त की, जो दोनों पक्षों की मांगों के आलोक में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनकी सरकार, अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से सुलह के लिए टीटीपी के साथ बातचीत कर रही है। इस बात को लेकर कई नेताओं और आतंकवाद का शिकार बने कई लोगों ने उनकी काफी आलोचना की थी। वैश्विक आतंकी है सिरादुद्दीन हक्कानी वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी का पाकिस्तान के साथ नजदीकी संबंध है। उसके ऊपर अमेरिका ने कई मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। लेकिन, आईएसआई के प्रभाव के कारण ही उसे लाख विरोध के बावजूद तालिबान सरकार में गृहमंत्री का ओहदा मिला। सिराजुद्दीन ही वह शख्स है, जिसके कारण उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर और रक्षा मंत्री मुल्ला यूसुफ काबुल के बाहर छिपे हुए बैठे हैं। इन्हीं दोनों ने खुलकर सिराजुद्दीन का विरोध भी किया था। (एजेंसी के इनपुट के साथ)


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