कराची पाकिस्तानी जलक्षेत्र में कथित तौर पर अवैध रूप से मछली पकड़ने के मामले में चार साल की सजा पूरी करने के बाद 20 भारतीय मछुआरों को रविवार को पाकिस्तान के लांधी जिला जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा किए गए मछुआरों को भारतीय अधिकारियों को सौंपने के लिए सोमवार को उन्हें वाघा सीमा पर लाया जाएगा। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। रिहा किए गए अधिकतर मछुआरे गुजरात के हैं। लांधी जेल के अधीक्षक इरशाद शाह ने कहा कि भारतीय अधिकारियों द्वारा मछुआरों की राष्ट्रीयता की पुष्टि करने के बाद सद्भावना के तौर पर उन्हें रिहा कर दिया गया। इरशाद शाह ने कहा, 'इन मछुआरों ने चार साल जेल में गुजारे थे और हमारी सरकार द्वारा सद्भावना के तौर पर आज उन्हें रिहा कर दिया गया है।' गैर-लाभकारी सामाजिक कल्याण संगठन एधी ट्रस्ट फाउंडेशन ने मछुआरों को लाहौर में वाघा सीमा तक ले जाने की व्यवस्था की, जहां से उन्हें सोमवार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। लांधी जेल में बंद 588 भारतीय नागरिकइरशाद शाह ने कहा, 'हमने रिहा किए गए मछुआरों को एधी फाउंडेशन को सौंप दिया है जोकि उनकी सभी यात्रा और अन्य खर्चों का ख्याल रख रहा है। वे अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस ट्रेन से लाहौर जाएंगे।' अधिकारी ने कहा कि अब भी 588 भारतीय नागरिक लांधी जेल में बंद हैं, जिनमें से अधिकांश मछुआरे हैं। इससे पहले पाकिस्तानी नौसेना ने एक भारतीय नाव पर फायरिंग कर दी थी। भारतीय मछुआरों पर पाकिस्तान ने की फायरिंगगुजरात तट के पास हुई गोलीबारी में एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गई थी। पाकिस्तान मरीन ने 'जलपरी' नाम की नाव पर गुजरात के द्वारका में गोलियां बरसाई थीं। खबरों के मुताबिक श्रीधर नाम के एक मछुआरे की मौत के अलावा एक अन्य घायल हुआ था। पाकिस्तान पहले भी भारतीय मछुआरों के खिलाफ गिरफ्तारी और नौका जब्ती जैसी कार्रवाई कर चुका है।
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